कविता लिख लेते है .
हम फौलाद तो नहीं ,पर
ज़माने का दर्द भी सह लेते है .
हम सिर्फ खुशियो को ही नहीं ,
गम को भी गले लगा लेते है
ये जिंदगी है क्या , यह
हम जिंदगी से ही पूछ लेते है .
तो ,
तो ,
ये अम्बर है जहाँ तक .
वहाँ तक है राहे,
जीवन की आखिरी साँस तक ,
है , जीने की है चाहते .
"कलम जब हो साथ तो मिल जाती है मंजिले,
ReplyDeleteकविता में ही तो घुली है .
हमारी सांसे ...!"
इसीलिए हम
निरंतर शब्दों से खेलते हैं
इतनी सुन्दर कविताएँ
लिखते हैं
दूसरों को भी प्रेरणा देते हैं
आपका बहुत शुक्रिया , आपने हमें फिर शब्दों से होसला दिया
ReplyDeleteFirst part is beautiful beyond words and when I read the second one, I was amazed. Excellent creation...Very poetic, when I say 'poetic' I intend to convey, it's the best!
ReplyDeleteSaru
Well written..
ReplyDeleteआपको मेरी तरफ से नवरात्री की ढेरों शुभकामनाएं.. माता सबों को खुश और आबाद रखे..
जय माता दी..
♥
ReplyDeleteआपको सपरिवार
नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
इंसान का जीवन भी तो कविता ही है ... सुन्दर अभिव्यक्ति ..
ReplyDeleteनव रात्री की मंगल कामनाएं ..
insaan aur kalam ka rishta tan aur man jaisa hai jo aapka man kahta hai kalam likhti hai.
ReplyDeletebahut achchi abhivyakti.
अभिव्यक्ति की सुंदर प्रस्तुति....नवरात्रि की शुभकामनाएं।
ReplyDeleteकल 30/09/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
वाह,खूब लिखा है .
ReplyDeleteहम कवि तो नहीं , पर
ReplyDeleteकविता लिख लेते है .
हम फौलाद तो नहीं ,पर
ज़माने का दर्द भी सह लेते है
आपके मन के अंदर रचे -बसे भाव मन को आंदोलित कर गए । बहुत ही अच्छा लगा । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । .धन्यवाद . .
हम कवि तो नहीं , पर
ReplyDeleteकविता लिख लेते है .
हम फौलाद तो नहीं ,पर
ज़माने का दर्द भी सह लेते है .बहुत सुन्दर लाजबाब पंग्तियाँ ...
सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteअच्छी लगी अभिव्यक्ति. शुभकामनाएं.
ReplyDeleteखुबसूरत अभिव्यक्ति .. .नवरात्रि की शुभकामनाएँ
ReplyDeletebahut acche mam
ReplyDeleteआप सभी का शुक्रिया , आप सबके शब्दों की अभिव्यक्ति मेरे लिए बहुत ही बहुमूल्य है
ReplyDeletewonderful tribute to writers and poets!
ReplyDeletesoch jagrit karne wale panktiya!