श्वेत चादर .........!
१ ) शीत लहर
अदरक की चाय
गरम चुस्की .
२ ) जमती झीले
चमकती चांदनी
श्वेत चादर .
३) हिमपात है
तपती धरा पर,
शितोपचार .
४) बर्फ ही बर्फ
बिखरी चारो तर्फ
अकेली जान .
५) बर्फ सा पानी
कांपती जिंदगानी
है गंगा स्नान .
६ ) जमता खून
हुई कठिन सांसे
फर्ज - इन्तिहाँ .
७) शीत प्रकोप
सैन्य बल सलाम
देश में जान .
८) खिलखिलाता
हुआ आया है भानू
गर्म छुअन .
: -- शशि पुरवार
शशि पुरवार Shashipurwar@gmail.com समीक्षा है न - मुकेश कुमार सिन्हा है ना “ मुकेश कुमार सिन्हा का काव्य संग्रह जिसमें प्रेम के विविध रं...
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अच्छी रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर
thandee hawaa
ReplyDeletegarm mulaaqaatein
sardee gayaab
bahut umda haiku...vaah.
ReplyDeleteबेहतरीन।
ReplyDeleteसादर
BAHUT -BAHUT SHUKRIYA
DeleteSRIVASTAV JI
RAJENDRA JI ...
RAJESH KUMARI JI
MATHUR JI
creatively nice!bahut kam shabdo me bahut prabhavsali kavita!
ReplyDeletethank you so much rohit
Deleteसुंदर हाइकु।
ReplyDeletethanks indu ji
DeleteMy favourite one-
ReplyDeleteशीत लहर
अदरक की चाय
गरम चुस्की.
Lovely.
thanks shaifali
Deleteलोहडी और मकर संक्रांति की शुभकामनाएं.....
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है। चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......
namaskar atul ji aapko bhi lohdi aur makarsankranti ki shubhkamnaye . hamari post ke select karne ke liye hardik shukriya .
DeleteDifferent and lovely...It snowed a bit here today and your words added beauty to it:)
ReplyDeletethank you so much saru .....:)
Deletehappy makarsankranti .and lohdi
gagar mein sagar
ReplyDeletebahut bahut shukriya onkar ji
Deleteबहुत सुन्दर और प्रतीकर्थक
ReplyDeletedhanyavad verma ji
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर क्षणिकाएँ |बधाई और शुभकामनाएँ |
ReplyDeleteshukriya tushar ji
DeleteSo nice...
ReplyDeleteशीत लहर
ReplyDeleteअदरक की चाय
गरम चुस्की.
गर्म धुप में आपके हाइकुओं की बौछार मज़ा दिला गयी. वैसे इसका आनंद मैंने चाय की चुस्कियां लेते हुए ही किया है.
शीत लहर
ReplyDeleteअदरक की चाय
गरम चुस्की .waah.
बहुत खूब !...बहुत सुन्दर हाइकू...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर त्रिपदम् ...
ReplyDeleteबहुत सुंदर त्रिपदियां।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!
ReplyDeleteशीत लहर
ReplyDeleteअदरक की चाय
गरम चुस्की
अच्छी लगी ,आपकी यह क्षणिकाएँ
vikram7: महाशून्य से व्याह रचायें......
अभिव्यक्ति का यह अंदाज निराला है. आनंद आया पढ़कर.
ReplyDeleteगज़ब की हाइकू है सारे ... कम शब्दों में बात कहना आसान नहीं ... पर कर दिखाया आपने ...
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी लगी शशि जी आपके सारे के सारे हाइकू
ReplyDeleteमजा आ गया ठंडकता और तपन का
खूबसूरत..
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