तुम ही तुम हो मेरे मन
मंदिर में,
खुशबु की तरह ...!
है बंद मगर ,
देख रही आँखे .
अपने प्यार का,
सजदा कर रही आँखें .
नजर जिधर उठे ,
तुम्हीं सामने हो ,
बंद ही नहीं ,
मेरी खुली नजरो
में भी तुम ही हो .!
मोहब्बत बन गयी है अब
दिल का साज .
दिल की हर धड़कन पे है
तुम्हारी आवाज .
तुम्हारी आँखो में देखा है
छलकता प्यार .
तुम्हें हर वक्त महसूस किया है
आपने पास ......!
तुम ही तुम हो ....!
:---शशि पुरवार
shbd shbd se jhalkta prem hi prem...
ReplyDeleteshukriya asha ji
Deletemuhabbat ban gayi hai ab dil ka saaj..dil kee har dhadkan par hai tumhari awaj..behad shandaar ..manbhavan panktiyan...mere blog par aane ke liye hardik dhanywad..aapke blog follow kar raha hoon..aaur aapko bhee apne blog se judne ke liye sadar amantrit kar raha hoon..
ReplyDeletebahut -bahut shukriya ashutosh ji ,
Deletehamare blog me shamil huye , swagat hai aapka .
aur koi ho bhee nahee saktaa
ReplyDeletetum to tum ho achhaa likhte ho
bahut - bahut shukriya , rajendra ji
Deleteaapka ashirwad bana rahe
समर्पित प्रेम की एक सशक्त अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteसचमुच प्यार छलक रहा है आपकी रचना से..
ReplyDeleteसुन्दर!!!
सस्नेह.
बंद ही नहीं
ReplyDeleteमेरी खुली
नज़रों में भी तुम ही हो
लाजवाब रचना बधाई स्वीकारें
नीरज
तू ही तू,तू ही तू...गीत याद आ गया। सुंदर प्रस्तुति।
ReplyDeleteसिर्फ तुम का ....ही इंतज़ार नज़र आया ...बहुत खूब
ReplyDeleteसुंदर भाव, एक बेहतरीन रचना
ReplyDeleteप्यार का खूबसूरत अहसास।
ReplyDeleteगहरे भाव लिए सुंदर रचना।
jitna acha title utne he ache panktiya aur bhav prastuti.shershak ko sarthak karti hui lines!!bahut sundar shashi ji.
ReplyDeleteवाह! बहुत खूबसूरत जज्बात उकेरे हैं आपने.
ReplyDeleteबढ़िया..//// इसे भी देखे :- http://hindi4tech.blogspot.com
ReplyDeleteमीठी ,प्यारी सी रचना बहुत ही अच्छी लगी...
ReplyDeleteखूबसूरत...
ReplyDeletepyar to chhalak jata hi hai SHASHI ji .....bahut hi khoob soorat andaj me prem ki anubhuti ka rekhankan nishchay hi adbhud hai....bahut bahut badhai ke sath abbhar bhi.
ReplyDeleteबेहतरीन प्रेम के भावो की लाजबाब प्रस्तुती,
ReplyDeletemy new post...40,वीं वैवाहिक वर्षगाँठ-पर...
Very romantic poem. I find these lines exceptionally beautiful...Tumhari aakhoon mein dekha hai...chalakta pyar...
ReplyDeleteBeautiful writing...
quite romantic and expression is lovely:)
ReplyDeleteबड़ी प्यारी कविता है....सच...!!
ReplyDeleteशाश्वत प्रेम की सुंदर अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteछलकते हुवे प्रेम को जैसे शब्द दे दिए हैं आपने ...
ReplyDeleteबहुत ही उन्मुक्त भाव से लिखी रचना ...
बसंत से माहौल बहुत रोमांटिक हो चूका है.
ReplyDeleteइस सुंदर प्रस्तुति के लिये अभिनन्दन.
बहुत ही प्यार में पगी ,रची कविता |आपको बहुत -बहुत बधाई शशि जी |
ReplyDeleteप्यार की स्नेही अभिव्यक्ति ...
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको !
Dipped in love:) such an amazing poem!!
ReplyDeletebahut sundar sashi , prem hi prem bhara hua hai
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