Tuesday, May 8, 2012
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समीक्षा -- है न -
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बहुत खूब शशि जी !
ReplyDeleteबढ़िया..............
ReplyDeleteरचनाएँ भी.................आपका प्लान भी................
खुशियाँ मनायें....
:-)
बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteवाह...बहुत खूब लाजबाब प्रस्तुति,....शशि जी,.....
ReplyDeleteRECENT POST....काव्यान्जलि ...: कभी कभी.....
अच्छे हाईकू
ReplyDeleteबहुत बढिया
ReplyDeleteलगता हैं इस बार ब्लोगिंग कुछ ठंडी पड़ने वाली हैं छुट्टियों में
बहुत सुन्दर हाईकू और क्षणिकाएँ !
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeletebehteren greshm ritu ki prastuti,sashi ji !!
ReplyDeletewonderful to read! keep sharing..apki next kavita ka intezar rahega..
छोटे छोटे शब्दों और छोटी छोटी पन्क्तियों मे बहुत कुछ कह दिया आपने
ReplyDeleteगरमी में शीतलता का अहसास कराती कविता।
ReplyDeleteआपकी यात्रा सुखद हो।