इशक गुलमोहर
1
बीहड़ वन
दहकता पलाश
बौराई हवा .
2
तप्त सौन्दर्य
धरती का शृंगार
सुर्ख पलाश
3
जेठ की धूप
हँसे अमलतास
प्रेम के फूल
4
यादों के फूल
खिले गुलमोहर
मन प्रांगन
5
सौम्य सजीले
दुल्हे का रूप धरे
आये पलाश
6
खिली चांदनी
भौरे गान सुनाये
झूमे पलाश
7
तेरे प्यार में
खिला मन पलाश
महका वन .
8
गर्मी है जवाँ
इशक गुलमोहर
फूल भी हँसे .
9
स्वर्ण पलाश
सोने से दमकते
भानु भी हैरां .
10
सजी धरती
हल्दी भी खूब लगी
झूमे पलाश .
-------शशि पुरवार
5.5.13
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ओह क्या बात,
ReplyDeleteशब्दों का खजाना है आपके पास
बढिया
बहुत सुन्दर हाइकु ...अमलताश ...पलाश ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हाइकु...
ReplyDeleteसभी हाइकु बेहद सुंदर!!
ReplyDeletevisited fierst time .... beautiful
ReplyDeletekhoobshurat ahshaso se bhaye hayeeku
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज सोमंवार (20-05-2013) के सरिता की गुज़ारिश : चर्चामंच 1250 में मयंक का कोना पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
waah bahut sundar ......
ReplyDeleteवाह..
ReplyDeleteखिले खिले हायकू......
सस्नेह
अनु
बहुत बढ़िया प्रस्तुति !
ReplyDeleteबहुत कुछ का अनुसरण कर बहुत कुछ देखें और पढें
वाह ... बहुत खूब
ReplyDeleteसभी हाइकु एक से बढ़कर एक
पलाश के सुनहरी रंगों में रंगे हाइकू ...
ReplyDeleteबहुत ही लाजवाब ...
पलाश के रंग में रंगे हाइकू.... बहुत बढ़िया !!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर हाईकू।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लेख
ReplyDeleteहिन्दी तकनीकी क्षेत्र की रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त करने के लिये एक बार अवश्य पधारें और टिप्पणी के रूप में मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ साथ पर अनुसरण कर अनुग्रहित करें MY BIG GUIDE
नई पोस्ट एक अलग अंदाज में गूगल प्लस के द्वारा फोटो दें नया लुक
pyare khubsurat hayku..:)
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर और लाजबाब हाइकू,आभार.
ReplyDeleteआपकी यह रचना कल मंगलवार (21 -05-2013) को ब्लॉग प्रसारण अंक - २ पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
ReplyDeletesundar haaykoo.
ReplyDeleteबेह्तरीन अभिव्यक्ति शुभकामनायें.
ReplyDeleteकोशिश उम्दा
ReplyDeleteशानदार हाइकु
लाजबाब है !!
हार्दिक शुभकामनायें ............
आपने प्रकति के सोंदर्य में जो प्रियतम के प्यार का मन के भाव जिस तरह से प्रकट किय है वो शब्दों से व्यान नहीं किये जा सकते .अपने नाम की शीतलता और सूर्य की ललिमा भी प्रकट की
ReplyDeleteनारी की इस अभिव्यक्ति को यदि सभी पुरुष समझ लें तो ,विशव बहुत अधिक सुंदर हो जायेगा .
सुंदर धरती -धरती माँ सभ कुछ ग्रेहन कर सकती ,एक माँ भी .
कविता प्रेरणात्मक है.
ग्लेमर ,अशिष्ट ,अश्लील,फैशन के , वातावरण में सुन्दरता की परिभाषा ही बदल गयी है. ,
आपके लेखन में शब्दों का उपयोग सटीक है. अद्वितीय
हार्दिक बधाई .
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteone of the best artical i am reading your artical thanks
ReplyDeletePeople rojgar one of the best artical i am reading your artical thanks..
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