जीवन में कुछ बनना है ,तो
लिखना पढना जरुरी है
अच्छी अच्छी बाते सीखो
अच्छी संगति जरुरी है .
वृक्षों को तुम मत काटना
हरियाली भी बचानी है
पेड़ों से ही हमको मिलता
अन्न ,दाना -पानी है
प्रदूषण को मिलकर मिटाओ
पेड लगाना भी जरुरी है
देश के तुम हो भावी प्रणेता
देश के तुम हो भावी प्रणेता
राहों में आगे बढ़ना
मुश्किलें कितनी भी आयें
हिम्मत से डटे रहना
भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाना
चैनो -अमन भी जरुरी है
-------- शशि पुरवार
२८/ ९/ १३
नवम्बर २०१३ के बाल साहित्य विशेषांक के अंक में प्रकाशित मेरी रचना -- पाखी कविता के अंतर्गत अभिनव इमरोज पत्रिका , पंजाब
हमने भी सभी बातें माँ लीं.....दुबारा सीख ले डाली :-)
ReplyDeleteसुन्दर रचना...
बधाई शशि
अनु
माँ को मान पढ़ें
Deleteबहुत सुव्दर रचना।
ReplyDeleteबधाई हो।
बहुत सुंदर !
ReplyDeletesundar rachna
ReplyDeletehttp://hindibloggerscaupala.blogspot.in/ अंक ४१ शुक्रवारीय चर्चा में आपकी रचना को शामिल किया गया हैं कृपया अवलोकन हेतु अवश्य पधारे ..आभार आपका
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शुक्रवार को (08-11-2013) "मेरा रूप" (चर्चा मंच 1423) "मयंक का कोना" पर भी होगी!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुन्दर बाल रचना...
ReplyDelete:-)
सुंदर बाल कविता के लिए बहुत बहुत बधाई। आगे बढ्ते रहने की शुभ कामनाएँ।
ReplyDeleteदेश के तुम हो भावी प्रणेता
ReplyDeleteराहों में आगे बढ़ना
मुश्किलें कितनी भी आयें
हिम्मत से डटे रहना
भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाना
चैनो -अमन भी जरुरी है
bahut sunder bal kavita
badhai
rachana
कल 14/11/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद!
सुन्दर रचनात्मक लेखन।
ReplyDeleteVery good
ReplyDeleteबहुत प्रेरक बाल गीत....बहुत सुन्दर
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