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समीक्षा -- है न -
शशि पुरवार Shashipurwar@gmail.com समीक्षा है न - मुकेश कुमार सिन्हा है ना “ मुकेश कुमार सिन्हा का काव्य संग्रह जिसमें प्रेम के विविध रं...
https://sapne-shashi.blogspot.com/
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मेहंदी लगे हाथ कर रहें हैं पिया का इंतजार सात फेरो संग माँगा है उम्र भर का साथ. यूँ मिलें फिर दो अजनबी जैसे नदी के दो किनारो का...
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http://sapne-shashi.blogspot.com
बहुत सुंदर मुक्तक ।
ReplyDeleteभावप्रबल ।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (25-12-13) को "सेंटा क्लॉज है लगता प्यारा" (चर्चा मंच : अंक-1472) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुंदर !
ReplyDeleteबहुत सुंदर मुक्तक ...
ReplyDelete:-)
वाह ! बहुत खूब सुंदर मुक्तक ,भावपूर्ण पंक्तियाँ ...!
ReplyDelete=================================
RECENT POST -: हम पंछी थे एक डाल के.
Lovely..& lovely
ReplyDeleteकल 26/12/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद!
भावों से ओत प्रोत :)
ReplyDeleteवाह, बहुत खूब
ReplyDeleteबहुत सुन्दर मुक्तक.....
ReplyDeleteसस्नेह
अनु
वाह!
ReplyDeleteकम शब्दों में उत्कृष्ट सृजन।
ReplyDeleteकम शब्दों में उत्कृष्ट सृजन।
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