ब्लॉग सपने - जीवन के रंग अभिव्यक्ति के साथ, प्रेरक लेख , कहानियाँ , गीत, गजल , दोहे , छंद

Friday, December 19, 2014

चीखती भोर




चीखती भोर
दर्दनाक मंजर
भीगे हैं कोर


तांडव कृत्य
मरती संवेदना
बर्बर नृत्य


आतंकी मार
छिन गया जीवन
नरसंहार


मासूम साँसें
भयावह मंजर
बिछती लाशें


मसला गया 
निरीह बालपन 
व्याकुल मन
 फूटी   रुलाई
पथराई  सी आँखें
दरकी  धरा


१६ -  १७ दिसम्बर कभी ना भूलने वाला दिन है ,  पहले निर्भया  फिर बच्चों की चीखें ---  क्या  मानवीय संवेदनाएं   मरती जा रहीं है।  आतंक का यह कोहरा कब छटेगा।
    मौन  श्रद्धांजलि

Friday, December 12, 2014

"माँ सहेली खो गई है "






छोड़कर बच्चे गए जब
माँ अकेली हो गई  है
टूटकर बिखरी नहीं वो
इक पहेली हो गई है

स्वप्न आँखों में सजे थे
पुत्रवधू घर आएगी
दीप खुशियों के जलेंगे
सुख बिटिया का पायेगी

गाज सपनो पर गिरी, जब  
माँ सहेली खो गई है

पूछता कोई नहीं अब
दरकिनारा कर लिया है
मगन है सब जिंदगी में
बस सहारा हर लिया है।

गॉंव में रहती अकेली
माँ चमेली सो गई है
 
धुंध सी छायी हुई है
नेह, रिशतों के दरमियाँ
गर्म साँसें ढूंढती है
यह हिम बनी खामोशियाँ

दिन भयावह बन डराते
शब करेली हो गई  है
टूटकर बिखरी नहीं वो
इक पहेली हो गई है
-----  शशि पुरवार

जेन जी का फंडा सेक्स, ड्रिंक और ड्रग

    आज की युवा पीढ़ी कहती है - “ हम अपनी शर्तों पर जीना चाहते हैं समय बहुत बदल गया है   ….  हमारे माता पिता हमें हर वक़्त रोक टोक करते हैं, क्...

https://sapne-shashi.blogspot.com/

linkwith

🏆 Shashi Purwar — Honoured as 100 Women Achievers of India | Awarded by Maharashtra Sahitya Academy & MP Sahitya Academy