१
प्रीत पुरानी
यादें हैं हरजाई
यादें हैं हरजाई
छलके पानी।
२
नेह के गीत
आँखों की चौपाल में
मुस्काती प्रीत
३
सुधि बैचेन
रसभीनी बतियाँ
महकी रैन
४
जोगनी गंध
फूलों की घाटी में
शोध प्रबंध
५
धूप चिरैया
पत्थरों पर बैठी
सोनचिरैया।
६
छलके जाम
हैं यादें हरजाई
अक्षर -धाम
७
छूटे संवाद
दीवारों पे लटके
वाद -विवाद।
८
मौन पैगाम
खनके बाजूबंद
प्रिय का नाम।
९
काँच से छंद
पत्थरों पे मिलते
बिसरे बंद
१०
सूखें हैं फूल
किताबों में मिलती
प्रेम की धूल।
११
मन संग्राम
बतरस की खेती
सिंदूरी शाम
१२
वफ़ा का मोल
सहमे तटबंध
तीखे से बोल
१३
प्रेम भूगोल
सम्मोहित साँसे
दुनिया गोल
१४
आँसू , मुस्कान
सतरंगी जिंदगी
नहीं आसान।
१५
लिक्खें तूफान
तकदीरों की बस्ती
अपने नाम
- शशि पुरवार
वाह,बहुत सुन्दर और भावपूर्ण हाइकु।
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 17 जनवरी 2017 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteवहुत खूब।
ReplyDeleteबहुत लाजवाब है सभी हाइकू ...
ReplyDeleteसुन्दर शब्द रचना
ReplyDeletehttp://savanxxx.blogspot.in