आँखों में कटती
हर सैनिक की रातें .
७
भूलों बिसरी बातें
नव किरणें लायी
शुभमंगल सौगाते
८
साँचे ही करम करो
देश हमारा है
उजियारे रंग भरो।
९
फैली शीतल किरनें
मौसम भी बदले
फिर छंद लगे झरने.
मौसम भी बदले
फिर छंद लगे झरने.
१०
स्वर सारे गुंजित हो
गूंजे जन -गण -मन
भारत सुख रंजित हो.
गूंजे जन -गण -मन
भारत सुख रंजित हो.
११
नव रंग सजाने है
खुशियों के बादल
घर आज बुलाने है
१२
चैन अमन से खेले
बागों की कलियाँ
खुशियों के हो मेले .
१३
जब शयनरत ज़माना
अपनों की खातिर
सैनिक फर्ज निभाना।
---- शशि पुरवार