आँखों में कटती
हर सैनिक की रातें .
७
भूलों बिसरी बातें
नव किरणें लायी
शुभमंगल सौगाते
८
साँचे ही करम करो
देश हमारा है
उजियारे रंग भरो।
९
फैली शीतल किरनें
मौसम भी बदले
फिर छंद लगे झरने.
मौसम भी बदले
फिर छंद लगे झरने.
१०
स्वर सारे गुंजित हो
गूंजे जन -गण -मन
भारत सुख रंजित हो.
गूंजे जन -गण -मन
भारत सुख रंजित हो.
११
नव रंग सजाने है
खुशियों के बादल
घर आज बुलाने है
१२
चैन अमन से खेले
बागों की कलियाँ
खुशियों के हो मेले .
१३
जब शयनरत ज़माना
अपनों की खातिर
सैनिक फर्ज निभाना।
---- शशि पुरवार
बहुत सुंदर रचनाऐं ।
ReplyDeleteकृपया आप अपने इस महत्वपूर्ण हिन्दी ब्लॉग को ब्लॉगसेतु ब्लॉग एग्रीगेटर से जोड़कर हमें कृतार्थ करें ... !!! धन्यवाद सहित
ReplyDeletehttp://www.blogsetu.com/
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति आज गुरुवारीय चर्चा मंच पर ।। आइये जरूर-
ReplyDeleteघर की सफ़ाई ,
ReplyDeleteहै पहला काम भाई ,
तब दीप,फूल, रंग और
प्रेम की सगाई !
बाह बाह
ReplyDeleteदेश प्रेम के रंग में रंगे अत्यंत सुन्दर व् प्रेरक माहिया ! स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
ReplyDeletewah...waa... uttam maahiye... vividh rng aur khushbu ke pushpguchchh kee tarah man ko suvasit karte hain.
ReplyDeleteसुन्दर भावों से सजी रचना बधाई
ReplyDeleteपीर हुई गहरी सी
ReplyDeleteसैनिक घायल है
फिर सरहद ठहरी सी .
....लाज़वाब...सभी प्रस्तुतियां बहुत सुन्दर और सार्थक...
आपकी इस रचना का लिंक दिनांकः 15 . 8 . 2014 दिन शुक्रवार को I.A.S.I.H पोस्ट्स न्यूज़ पर दिया गया है , कृपया पधारें धन्यवाद !
ReplyDeleteसुंदर क्षणिकाएं।।।
ReplyDeleteउम्दा और बेहतरीन... आप को स्वतंत्रता दिवस की बहुत-बहुत बधाई...
ReplyDeleteनयी पोस्ट@जब भी सोचूँ अच्छा सोचूँ
sashi ji deshbhakti ko le kar likhe gaye sabhi mahiya bhavna pradhan hain. apko badhai.
ReplyDeletepushpa mehra.
सुन्दर
ReplyDeleteवन्दे मातरम्
बहुत सुन्दर और भावुक अभिव्यक्ति
ReplyDeleteजन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाऐं ----
सादर --
कृष्ण ने कल मुझसे सपने में बात की -------
jandaar maahiye, antim 2 men lay bhng ho rahi hai, dekhiyega.
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