Wednesday, July 4, 2012
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न झुकाऒ तुम निगाहे कहीं रात ढल न जाये .....
यूँ न मुझसे रूठ जाओ मेरी जाँ निकल न जाये तेरे इश्क का जखीरा मेरा दिल पिघल न जाये मेरी नज्म में गड़े है तेरे प्यार के कसीदे मै जुबाँ...
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मेहंदी लगे हाथ कर रहें हैं पिया का इंतजार सात फेरो संग माँगा है उम्र भर का साथ. यूँ मिलें फिर दो अजनबी जैसे नदी के दो किनारो का...
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हास्य - व्यंग्य लेखन में महिला व्यंग्यकार और पुरुष व्यंग्यकार का अंतर्विरोध - कमाल है ! जहां विरोध ही नही होना चाहिए वहां अ...
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गेंहू ------- Wheat (disambiguation) गेहूँ लोगो का मुख्य आहार है .खाद्य पदार्थों में गेहूँ का महत्वपूर्ण स्थान है , सभी प्...
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barish ki bunde ab baras bhi ja:)
ReplyDeleteek pyara sawann geet:)
कविता में भीगे...और क्षणिका में बह गए.....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर..
दोनों रचनायें लाज़वाब...
ReplyDeleteबड़े शिद्दत से आह्वान किया बारिश का
ReplyDeleteबहुत उम्दा अभिव्यक्ति,,,कविता और क्षणिकाए अच्छी लगी ,,,,
ReplyDeleteMY RECENT POST...:चाय....
तलब है बस दो बूंद बारिश की
ReplyDeletebahut hi achchha......... badhai swikar kree aap..
ReplyDeleteसुंदर स्वागत गीत ...
ReplyDeleteआभार आपका !