आज से रस्ता हमारा और है
साथ चलने का इशारा और हैचल रही ऐसी यहाँ पर आंधियाँ
ख्वाहिशों को तुमने तोड़ा था कभी
हार जाने का इजारा और है
भूल जायेंगे चलो दुख की निशा
प्यार के सुख का सहारा और है.
जीत लेंगे मुश्किलों की रहगुजर
22 / 9 /13
अदद करारी खुशबू शर्मा जी अपने काम में मस्त सुबह सुबह मिठाई की दुकान को साफ़ स्वच्छ करके करीने से सजा रहे थे । दुकान में बनते गरमा गरम...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा कल - बुधवार - 2/10/2013 को
ReplyDeleteजो जनता के लिए लिखेगा, वही इतिहास में बना रहेगा- हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः28 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें, सादर .... Darshan jangra
बेहद उम्दा..
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना की ये चन्द पंक्तियाँ.........
ReplyDeleteआज से रस्ता हमारा और है
साथ चलने का इशारा और है
चल रही ऐसी यहाँ पर आंधियाँ
घर का बिखरा ये नजारा और है
बुधवार 02/10/2013 को
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
को आलोकित करेगी.... आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
लिंक में आपका स्वागत है ..........धन्यवाद!
सुंदर पोस्ट विजय दशमी की बधाई
ReplyDeleteबहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........
ReplyDeleteलाजवाब!
ReplyDeleteसादर
आपकी यह रचना कल बुधवार (02-10-2013) को ब्लॉग प्रसारण : 134 पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
ReplyDeleteसादर
सरिता भाटिया
बहुत बढ़िया,सुंदर गजल !
ReplyDeleteRECENT POST : मर्ज जो अच्छा नहीं होता.
bahut umda likha hai.. adarniya badhai ..
ReplyDeleteहौसला बना रहे, जीवन ऊर्जामय बना रहता है।
ReplyDeleteबहुत उम्दा अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteनवीनतम पोस्ट मिट्टी का खिलौना !
नई पोस्ट साधू या शैतान
हर ख़ुशी मिलती नहीं टकराव से
ReplyDeleteहार जाने का इजारा और है ..
हार में ही तो जीत का भाव छिपा है ... लाजवाब शेर ...
उम्दा प्रस्तुति ... सुदर भावाभिव्यक्ति ..बधाई
ReplyDeleteहर ख़ुशी मिलती नहीं टकराव से
हार जाने का इजारा और है
हर ख़ुशी मिलती नहीं टकराव से
ReplyDeleteहार जाने का इजारा और है
आदरणीया शशि जी उम्दा गज़ल के लिए बधाई.