shashi purwar writer

Friday, August 15, 2014

उठो ऐ देश वासियों। . जय हिन्द जय भारत





उठो ऐ,देश वासियों
चमन नया बसाना है
दिलों में मातृभूमि की
अलख नयी जगाना है
 
सीमा पर चल रही है
नफरत की आधियाँ, यह
कतरा कतरा खून से
लिख रही कहानियाँ,
साँस साँस सख्त है
ये आया कैसा वक़्त है
अब जर्रा जर्रा द्वेष की
बँट रही है ,निशानियाँ

आओ साथ मिलकर
अब द्वेष को मिटाना है
दिलों में मातृभूमि की
अलख नयी  जगाना  है।
उठो ऐ देशवासियों ………… !

यहाँ, ईमान बिक रहा है
स्वार्थ का व्यापार है
चले, जिन भी  राहों पर
पतित, अभ्याचार  है
कदम कदम पर धोखा है 
दहशत  को, किसने रोका है
चप्पा चप्पा  मातृभूमि के 
 पुनः - पुनः  प्रहार है

आओ, स्वार्थ के घरों में
नयी सुरंग बनाना है
दिलों में मातृभूमि की
अलख नयी जगाना  है।
उठो ऐ देशवासियों ………………।

अब मुल्क की आन का
बड़ा अहम सवाल है
फिजूल की बतियों  पे 
फिर मचता, बबाल है  .
बदला बदला वक़्त है
ये तरुण अनासक्त है
देशभक्ति की  तरंगो  से
फिर करना,  इकबाल  है

नए राष्ट्र के गगन पर
नयी पतंग उड़ाना है
दिलों में मातृभूमी की
अलख नयी जगाना है
उठो ऐ देशवासियों ………!

-- शशि पुरवार

आप सभी ब्लोगर परिवार  स्वतंत्रा दिवस की  शुभकामनाएँ -- जय हिन्द जय भारत

3 comments:

  1. बहुत ही बढ़िया

    स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !

    सादर

    ReplyDelete
  2. बहुत ही सार्थक प्रस्तुति। स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

    ReplyDelete

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