shashi purwar writer

Monday, April 27, 2015

प्रेम कहानी

 
 
 
१ 
दर्द की दास्ताँ 
कह गयी कहानी 
प्रेम रूमानी 
२ 
एक ही  धुन 
भरनी  है गागर 
फूल सगुन 
३ 
प्रेम  कहानी 
मुहब्बत ऐ  ताज 
पीर  जुबानी
४ 
रूह  में  बसी 
जवां है मोहब्बत  
खामोश  हंसी  
५ 
धरा  की  गोद  
श्वेत ताजमहल 
प्रेम  का  स्त्रोत 
६ 
ख़ामोश  प्रेम 
दफ़न  है  दास्ताँ 
ताज की  रूह
७ 
पाक दामन  
अप्रतिम  सौन्दर्य 
प्रेम  पावन  
८ 
अमर  कृति
हुस्न ऐ  मोहब्बत 
प्रेम  सम्प्रति
९ 
 ताजमहल
अनगिन रहस्य 
यादें दफ़न 
 - 
   शशि।.

5 comments:

  1. कुछ अलग,पर बेहतरीन..आभार

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  2. बहुत ही लाजवाब और गज़ब के हाइकू सभी ...

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  3. प्रेम पगी कोमल अनुभूति को सुंदर हाइकु में बाँधा है , बधाई!!

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  4. सुन्दर हाइकु

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