shashi purwar writer

Monday, July 11, 2016

मौसम से अनुबंध


Image result for shirish plant
१ 
लहक उठी है जेठ की,  नभ में उड़ती धूल
कालजयी अवधूत बन, खिलते शिरीष फूल।
 २
चाहे जलती धूप हो, या मौसम की मार
हँस हँस कर कहते सिरस, हिम्मत कभी न हार.

लकदक फूलों से सजा, सिरसा छायादार
मस्त रहे आठों पहर, रसवंती संसार।

हरी भरी छतरी सजा, कोमल पुष्पित जाल    
तपकर खिलता धूप में, करता सिरस कमाल।

फल वृक्षों के कर रहे, मौसम से अनुबंध
खड़खड़ करती बालियाँ, लिखें मधुरतम छन्द।
 --  शशि  पुरवार

5 comments:

  1. जय मां हाटेशवरी...
    अनेक रचनाएं पढ़ी...
    पर आप की रचना पसंद आयी...
    हम चाहते हैं इसे अधिक से अधिक लोग पढ़ें...
    इस लिये आप की रचना...
    दिनांक 12/07/2016 को
    पांच लिंकों का आनंद
    पर लिंक की गयी है...
    इस प्रस्तुति में आप भी सादर आमंत्रित है।

    ReplyDelete
  2. बहुत सुन्दर ... हर दोहा मौसम की कहानी कह रहा है ...

    ReplyDelete
  3. बहुत सुंदर उत्कृष्ट दोहे

    ReplyDelete
  4. OnlineGatha One Stop Publishing platform From India, Publish online books, get Instant ISBN, print on demand, online book selling, send abstract today: http://goo.gl/4ELv7C

    ReplyDelete

आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए अनमोल है। हमें अपने विचारों से अवगत कराएं। सविनय निवेदन है --शशि पुरवार

आपके ब्लॉग तक आने के लिए कृपया अपने ब्लॉग का लिंक भी साथ में पोस्ट करें
.



समीक्षा -- है न -

  शशि पुरवार  Shashipurwar@gmail.com समीक्षा है न - मुकेश कुमार सिन्हा  है ना “ मुकेश कुमार सिन्हा का काव्य संग्रह  जिसमें प्रेम के विविध रं...

https://sapne-shashi.blogspot.com/

linkwith

🏆 Shashi Purwar — Honoured as 100 Women Achievers of India | Awarded by Maharashtra Sahitya Academy & MP Sahitya Academy