गीत .....
भरी पिचकारी ,
छाई है खुमारी
भरी पिचकारी ,
छाई है खुमारी
भीगा तन - मन ,
मोरे कान्हा तोरे संग .
मोरे कान्हा तोरे संग .
भीगी अंगिया चोली ,
रंगो की है होली
रंगो की है होली
प्यार बेशुमार ,
नशा चढ़े बार -बार .
नशा चढ़े बार -बार .
नयन मिले ,
धड़कन बढे
धड़कन बढे
नटखट सैयां
मोहे अंग लगे .
मोहे अंग लगे .
रंगो की बौछार ,
नहीं गिले -शिकवे आज
नहीं गिले -शिकवे आज
प्रेम की फुहार ,
है यह मिलन का त्यौहार.
है यह मिलन का त्यौहार.
खुशियाँ आये बार -बार ,
मन की पुकार
मन की पुकार
मोरे कान्हा तोरे संग ,
जुड़े है दिल के तार .
जुड़े है दिल के तार .
भर पिचकारी .........!
----------------------------------------- !!!!!!!!!!!!!!! !------------------ ........क्षणिकाएँ,.......!
१ ) करे श्रींगार
पिया का प्यार
लज्जा गुलाबी
अधर हुए लाल
रंग -अबीर से
रंगे है गाल.
२) गुझिया पपड़ी
भांग की कुल्फी
होली में है खास ,
बाजारो की
रौनक बढाये
रंग बिरंगी पिचकारी ,
और गुलाल .
पटी है दुकाने
आये नटखट बाल गोपाल .
३) फूलो पत्तो का
प्रस्फुटन बसंत
प्रकृति करती सृजन
बयार की उन्माद
फैला चारो दिशाओ
में उल्लास .
४) गुब्बारो में
पिया का प्यार
लज्जा गुलाबी
अधर हुए लाल
रंग -अबीर से
रंगे है गाल.
२) गुझिया पपड़ी
भांग की कुल्फी
होली में है खास ,
बाजारो की
रौनक बढाये
रंग बिरंगी पिचकारी ,
और गुलाल .
पटी है दुकाने
आये नटखट बाल गोपाल .
३) फूलो पत्तो का
प्रस्फुटन बसंत
प्रकृति करती सृजन
बयार की उन्माद
फैला चारो दिशाओ
में उल्लास .
४) गुब्बारो में
भर के पानी ,
फैके बालगोपाल
बड़े - बूढ़े भागते
इधर -उधर
छिटके रंगो की मार
बुरा न मानो होली है
सब तरफ गूंजे यही आवाज .
फैके बालगोपाल
बड़े - बूढ़े भागते
इधर -उधर
छिटके रंगो की मार
बुरा न मानो होली है
सब तरफ गूंजे यही आवाज .
-----------------------------! !----------------------------
हाइकु ...........!
१ ) ले पिचकारी
भरे रंग गुलाबी
छोरो की टोली
२) खिले पलाश
अंबुआ की बहार
फागुन आया .
३) रंगो की होली
मिलन का त्योहार
गुझिया खास .
४) ले पिचकारी
भरे रंग गुलाबी
बाल गोपाल .
५) उड़े गुलाल
रंगो का है खुमार
प्यारी सौगात .
६) कृष्ण राधा की
प्यार की है प्रतिक
अमरबेल .
:-------शशि पुरवार
----------------------------------------------! !-------------------------------
दोस्तो इस बार सोचा की होली पर सब रंग बिखेरूं .....इसीलिए मिली जुली प्रस्तुति .......आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाये ...........
great post .YE HAI MISSION LONDON OLYMPIC
ReplyDeleteबहुत बढ़िया होली के भाव की अभिव्यक्ति,बेहतरीन रचना,...बधाई
ReplyDeleteNEW POST...फिर से आई होली...
NEW POST फुहार...डिस्को रंग...
wah!!!!!!!!!!
ReplyDeleteShashi ji,bahut hi manbhaawan,sunder holi ki prstuti....
dil padhker khushi se jhoom utha hai.....
aapko aur aapke pariwaar ko ran-birangi holi ki dheron shubhkaamnaayen.....
indu
thanks indu ji .......:)) holi ki hardik badhai .aapne to hamen muskaan de di rang bhari .:)) happy holi
Deleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर की गई है। चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......
ReplyDeleteshukriya atul ji hamen shamil karne ke liye .:)
Deleteशशी जी आपकी इस काव्यमय पोस्ट में कविता के सरे रंग शामिल है |पढ़कर मन प्रसन्न हो गया |होली की शुभकामनाएँ |
ReplyDeleteshukriya tushar ji ......aapko bhi holi ki shubhkamnaye
DeleteWOW, you are celebrating holi with words. What's better than that for a poet...:)
ReplyDeletethank you so much saru ..........:)) happy holi
Deleteहोली के इस रंगमय त्यौहार पर रंग बिरंगी क्षणिकाएं हाइकु अच्छी लगी तमाम रंगों से सजे शब्द होली का आभास दी गए इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई !
ReplyDeleteshukriya deepak ji ..........is sunder shabdo ki tipni ke liye abhar . holi ki shubhkamnaye aapko bhi !
Deleteबहूत हि बढीया
ReplyDeleteबहूत हि बेहतरीन है सभी प्रस्तुती..
होली पर्व कि शुभकामनाये
सभी रचनाएं होली के रंगों से सराबोर हैं।
ReplyDeleteहोली की शुभकामनाएं।
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ...
ReplyDeleteकल 07/03/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
'' होली की शुभकामनायें ''
होली के पर रंग बिरंगी क्षणिकाएं हाइकु सभी रंगों का अहसास दे गए ...सुन्दर प्रस्तुति....आपको होली की सपरिवार हार्दिक बधाई....
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रंगबिरंगी होली की सुन्दर प्रस्तुति...
ReplyDeleteहोली की आपको सपरिवार शुभकामनायें!
सभी रंग भरी रचनाओं के आभार ...होली पर ढेर सी शुभकामनाएं
ReplyDeleteआपको होली की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteसादर
सभी रंगों से सराबोर कर दिया आपने शशि जी ! सुंदर प्रस्तुति !
ReplyDeleteहोली मुबारक !
ना दिखी राधा
ReplyDeleteना दिखी पिचकारी
पता नहीं
कब आकर गले मिली
करी
मुझ से आँख मिचोली
खेली मुझ से होली
भांग के नशे में
सुध बुध मैंने खो दी थी
आज से कसम खाली
अब नहीं पियूंगा भांग
अगली होली पर
बेचैनी से करूंगा
इंतज़ार राधा का
उसके संग होली
खेलने का
heyy.....
ReplyDeleteसुंदर रचनाएँ ...बधाई
ReplyDeletehttp://bikharemotee.blogspot.com/
बहुत बढ़िया सुन्दर रचनाओं की प्रस्तुति,....बधाई
ReplyDeleteRESENT POST...काव्यान्जलि ...: बसंती रंग छा गया,...
विभिन्न रंगों से सजी सभी रचनाएँ बहुत सुंदर और रोचक...
ReplyDeleteगीत क्षनिकायं और हाइकू ... सभी आज होली के रंग में रंगे हुवे हैं ... सच कहूँ तो तीनों में काँटा का जिक्र है और शायद कृष्ण की बिना होली भी फीकी होती है ...
ReplyDeleteआपको और आपके समस्त परवर को होली की मंगल कामनाएं ..
शशि जी . वाकई आप ने होली पर अपनी रचनाओं के रंग से होली के त्यौहार को सराबोर कर दिया .....सभी रचनाएँ एक से बढकर एक निकलीं .....बिलकुल रचनाकरों की होली ऐसी ही होनी चाहिए ....सुन्दर और प्रभावशाली रचनाओं के लिए सादर आभार ...साथ ही होली पर हार्दिक शुभकामनायें |
ReplyDeleteहर विधा में कमाल!! वाह!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया..बस वाह कहने को जी कह रहा है..
ReplyDeletewaah bahut badhiyaa .
ReplyDelete