तांका---------------
१ आये अकेले
दुनिया के झमेले
जाना है पार ,
जिंदगी की किताब
नयी है हर बार .
२ ढलती उम्र
शिथिल है पथिक
अकेलापन ,
जूझता है जीवन
स्वयं के कर्मो संग .
३ पैसे का नशा
मस्तक पे है चढ़ा
सोई चेतना ,
नजर का है धोखा
वक्त जब बदला .
४ यादो के पल
झिलमिलाता कल
महकता है ,
दिलो के अरमान
बसा है बागवान .
५ तेज रफ़्तार
दूर है संगी -साथी
न परिवार ,
जूनून है सवार
मृगतृष्णा की प्यास .
६ बालियो संग
मचलता यौवन
ठिठकता सा ,
प्राकृतिक सौन्दर्य
लहलहाता वन .
हयुक ------------------
१ नाजुक धागे
मजबूत बंधन
गठबंधन .
२ तीखी चुभन
सूखे गुलाब संग
दीवानापन .
३ सर्द है यादे
शूल बनी तन्हाई
हरे नासूर .
४ प्यासा है मन
साहित्य की अगन
ज्ञानपिपासा .
५ कलम करे
रचना का सृजन
मनभावन .
६ अभिव्यक्ति की
चरम अनुभूति
है स्पंदन .
:-------- शशि पुरवार
बेहतरीन
ReplyDeleteसादर
वाह शशि जी....शब्दों के बंधन के बावजूद अभिव्यक्ति में कोई कसर नहीं.....
ReplyDeleteतांका तो खास तौर पर बहुत बढ़िया..
५,७,५,७,७ का नियम बड़ा कठिन है...
हायेकु भी लाजवाब..
बधाई....
shukriya yashvant ji ,
Deleteanu ji abhar aapko tanka pasand aaya . gaharai se padha aapne ..:)
yes i read with interest...
Deleteमेहनत से लिखा जो गया है...
आपको मेल किया है....pls check.
:-)
सुंदर,बहुत अच्छी गजल ..शशी जी,..बधाई
ReplyDeleteMY RESENT POST...काव्यान्जलि ...: तब मधुशाला हम जाते है,...
बेहतरीनं हाइकू, रचना अच्छी लगी,...शशी जी ,..बधाई
DeleteMY RESENT POST...काव्यान्जलि ...: तब मधुशाला हम जाते है,...
उपर कमेंट्स भूल बस गलत पोस्ट हो गया,कृपया हटा दे,...
Behtereen prastuti....
ReplyDeleteबेहतरीन अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुतिकरण।
बहुत ही उम्दा हायकू लिखा है आपने शशि जी |
ReplyDeleteलाजवाब ... दोनों ही में आपकी महारत है ... तांका तो जैसे जीवन दर्शन लिए हुवे अहिं और हाइकू भी अपनी बात समझाने में सक्षम हैं ...
ReplyDeleteबहुत ही उम्दा ...
digambar ji , tushar ji , indu ji atul ji aap sabhi ka hardik abhar
Deleteman mein ho rahaa spandan
ReplyDeletepasand
वाह!
ReplyDeleteबहुत खूब! बहुत सारगर्भित और सटीक...
ReplyDeleteसच में दिल से लिखी आत्मा की आवाज सी रचनाएँ ,बहुत खुबसूरत
ReplyDeleterajendra ji , anupama ji , kalash ji ,arajput ji ........shukriya aap sabhi ka
Deleteआप के ब्लॉग पर पहली बार आया हूँ ! चुटकी सी बाते अच्छी लगी ! अति सुन्दर !
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति.....बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteबहुत प्रभावशाली पद्य कणिकाएं।
ReplyDeleteकम शब्दों में गहरी बात...।
bahut sunder.....
ReplyDeletebahut achchi prastuti.
ReplyDeleteक्या तांका है..और हायकु का जवाब नहीं। बधाई।
ReplyDeleteBEAUTIFUL PRESENTATION OF FEELINGS AND EMOTIOPNS OF LIFE .THANKS
ReplyDeletepankaj ji mradula ji ,mahendraji ,shaw ji nisha ji , singji ........upasthithi ke liye abhar .
ReplyDeleteBeautifully penned, Shashi:)
ReplyDeleteसबसे पहले हमारे ब्लॉग 'खलील जिब्रान'पर आपकी टिप्पणी का तहेदिल से शुक्रिया.........आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ...........पहली ही पोस्ट दिल को छू गयी.......कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने..........बहुत खूब...........आज ही आपको फॉलो कर रहा हूँ ताकि आगे भी साथ बना रहे|
ReplyDeleteकभी फुर्सत में हमारे ब्लॉग पर भी आयिए- (अरे हाँ भई, सन्डे को भी)
http://jazbaattheemotions.blogspot.in/
http://mirzagalibatribute.blogspot.in/
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http://qalamkasipahi.blogspot.in/
एक गुज़ारिश है ...... अगर आपको कोई ब्लॉग पसंद आया हो तो कृपया उसे फॉलो करके उत्साह बढ़ाये|
supper .......very nice....
ReplyDeletevah Shashi ji bahut bhavukata se paripoorn rachana .....bilkul nayee abhivyakti lagi ...badhai sweekaren
ReplyDeleteकम शब्दों में खूबसूरत प्रस्तुति ......बहुत खूब
ReplyDeleteबधाई।
ReplyDeletevery nice
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