shashi purwar writer
Tuesday, June 5, 2012
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सामाजिक मीम पर व्यंग्य कहानी अदद करारी खुश्बू
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🏆 Shashi Purwar — Honoured as 100 Women Achievers of India | Awarded by Maharashtra Sahitya Academy & MP Sahitya Academy

बहुत सुंदर
ReplyDeleteक्या कहने
सुन्दर .. संदेशपरक रचना
ReplyDeleteगंगा सिर्फ एक नदी नही है , अपितु ये हमारी युगों लम्बी सभ्यता और संस्कृति की निशानी है। उस सुरसरि का अस्तित्व आज खतरे में है। इस परिपेक्ष्य में आप की ये रचना बहुत समीचीन प्रतीत होती है
ReplyDeleteआभार
मन मोहक प्रेरक सुंदर प्रस्तुति ,,,,,बेहतरीन हाइकू
ReplyDeleteMY RESENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: स्वागत गीत,,,,,
बहुत बढ़िया हायेकु ......
ReplyDeleteसुंदर.सार्थक.....
सस्नेह.
आपका स्वागत है...
:-)
sundar rachna
ReplyDeleteगंगा माँ कों लेकह्र सार्थक हाइकू की संरचना है ...
ReplyDeleteआज की जरूरत कों कुछ ही शब्दों में गहराई से लिखा है ...
वाह बहुत बढिया
ReplyDeleteshashi ji bahut sunder haiku hai .badhai aapko
ReplyDeleterachana