Tuesday, June 19, 2012
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न झुकाऒ तुम निगाहे कहीं रात ढल न जाये .....
यूँ न मुझसे रूठ जाओ मेरी जाँ निकल न जाये तेरे इश्क का जखीरा मेरा दिल पिघल न जाये मेरी नज्म में गड़े है तेरे प्यार के कसीदे मै जुबाँ...
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हास्य - व्यंग्य लेखन में महिला व्यंग्यकार और पुरुष व्यंग्यकार का अंतर्विरोध - कमाल है ! जहां विरोध ही नही होना चाहिए वहां अ...
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गेंहू ------- Wheat (disambiguation) गेहूँ लोगो का मुख्य आहार है .खाद्य पदार्थों में गेहूँ का महत्वपूर्ण स्थान है , सभी प्...
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बहुत सुन्दर और सार्थक हाइकु....
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन सुंदर हाइकू ,,,
ReplyDeleteRECENT POST ,,,,,पर याद छोड़ जायेगें,,,,,
कुछ शब्दों में गहरी बात ... सभी हाइकू कहते हुवे ...
ReplyDeleteसुन्दर...........
ReplyDeleteसभी हायेकु गहन भाव लिए हैं....
बहुत खूब.
shabdon se gehn rishta .
ReplyDelete....बड़ी सुन्दरता से बांधा है भावों को कविता में!
ReplyDeletehyku specialist...:)
ReplyDeletehamara to dimag hi nahi chalta is vidha me!
har pankti apne me sarvashresht!
बहुत ही सार्थक हाइकु लिखे हैं आपने शशि जी !
ReplyDeleteवाह बहुत ही खूब
ReplyDeleteखूबसूरत हायकू...
ReplyDeleteप्रभावशाली