मेहंदी लगे हाथ कर रहें हैं
पिया का इंतजार
सात फेरो संग माँगा है
उम्र भर का साथ.
यूँ मिलें फिर दो अजनबी
जैसे नदी के दो किनारो
का हुआ है संगम, फिर
बदल गयी हैं दिशाए
जीवन की मधुरम हवाए
और
बहने लगी एक जलधारा .
नाजुक होते हैं यह रिश्ते
कांच से कच्चे धागों से बंधी हुई
विश्वास की डोर, दिलो की प्रीत
,पर
कठिन हैं जीवन की
पथरीली राहों का सफर.
मजबूती के साथ चल रहे हैं हम
एक गाड़ी के दो पहिये; जिसे
तोड़ न सके कोई कंकर
प्रेम की इन गलियों में
उलफत कभी न होगी कम
बस इक खलिस है
ह्रदय में;
सनम
अंतिम ख्वाहिश मानकर
जिगर में मत रखना कोई रंज
पहले इस जहान से रुकसत होंगे
हम ,
इक सुहागन बन कर ही
निकले मेरा दम
खाली रह जाएँ ना हाथ
करतल पे लगा देना मेहंदी
चढ़ जाये पुनः प्रेम का रंग ; फिर
यह जन्म न मिलेगा बार बार .
----------- शशि पुरवार
बड़ी ही कोमल और मधुर अभिव्यक्ति..
ReplyDeleteawesome...
ReplyDeleteमेहंदी लगे हाथ भी
ReplyDeleteउनके हाथों की खुशबू को
कम नहीं करते
उसमें मेहंदी का
सुर्ख रंग और महक
मिला कर
मुझे मदहोश करते
बहुत खूबसूरत रचना !
ReplyDeleteये प्यार व क़रार यूँ ही सलामत रहे !:-)
~आमीन !
बहुत सुंदर भाव से सजी सुंदर रचना
ReplyDeleteअच्छी रचना
ReplyDeleteसुंदर भाव
भाव भरे हृदय की भावमयी कविता।
ReplyDeleteमेहँदी से शुरू हुए ये रिश्तों सात जन्मों के बंधन बन जाते हैं ..
ReplyDeleteभाव मय प्रस्तुति है ...
खुबसूरत रचना
ReplyDeleteनाज़ुक सी रचना ...बहुत खूब
ReplyDeleteप्रेम,समर्पण अटूट बंधन.... दिल को छूती हुई बेहद सुन्दर रचना ...
ReplyDeleteसाझा करने के लिए आभार शशि जी...
Sundar. Coming after so many days and it was a really refreshing to read this beautiful poem.
ReplyDeleteशशि जी बहुत सुंदर लिखा है ।
ReplyDeletebahut sundar bhaav ...
ReplyDeletekomal abhivyakti ...
shubhkamnayen Shashi ji ...!!
मेहँदी की खुशबू सी रचना |
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
यहाँ भी पढ़कर उतना ही मजा आया डियर बहुत सुन्दर प्यारी प्रस्तुति बहुत बधाई
ReplyDeletemehadi ke sath antrng bhavo bhi sapasht ho gye ......wah bahut hi sundar kavita rashmi ji ....sadar abhar.
ReplyDeleteसुन्दर रचना |
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ReplyDeleteसुन्दर रचना, सार्थक भाव, बधाई.
कृपया मेरे ब्लॉग"meri kavitayen" की नवीनतम पोस्ट पर भी पधारें , आभारी होऊंगा.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति , बधाई.
ReplyDeleteकृपया मेरे ब्लॉग "प्रेम सरोवर" पर पधारकर मुझे प्रोत्साहित करें। धन्यवाद ।
सुन्दर रचना !
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति.
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