अब कर दो विदा
जकड़ी हैं मान्यताएं
थोथले विचार
परंपरा के नाम पर
आदमी लाचार
बेगारी का फंदा बन
रहा है जी का जंजाल,
ऐसे फरमानों को
अब कर दो विदा .
इर्ष्या के कीड़ों से
कलुषित हुआ मन
बदले की आग में
सुलग रहा है तन
साखर में पगा हुआ है
धूर्त का संसार
ऐसे मेहमानों को
अब कर दो विदा
जब सोया है जमीर ,तो
कैसे उच्च विचार
चील,कौए सा युद्ध है
छिछोरा आचार
शैवाल सा बढ़ रहा है
काला व्यापार
ऐसे धनवानों को
अब कर दो विदा
---------शशि पुरवार
अब कर दो विदा
जकड़ी हैं मान्यताएं
थोथले विचार
परंपरा के नाम पर
आदमी लाचार
बेगारी का फंदा बन
रहा है जी का जंजाल,
ऐसे फरमानों को
अब कर दो विदा .
इर्ष्या के कीड़ों से
कलुषित हुआ मन
बदले की आग में
सुलग रहा है तन
साखर में पगा हुआ है
धूर्त का संसार
ऐसे मेहमानों को
अब कर दो विदा
जब सोया है जमीर ,तो
कैसे उच्च विचार
चील,कौए सा युद्ध है
छिछोरा आचार
शैवाल सा बढ़ रहा है
काला व्यापार
ऐसे धनवानों को
अब कर दो विदा
---------शशि पुरवार
परंपरा के नाम पर
आदमी लाचार
बेगारी का फंदा बन
रहा है जी का जंजाल,
ऐसे फरमानों को
अब कर दो विदा .
इर्ष्या के कीड़ों से
कलुषित हुआ मन
बदले की आग में
सुलग रहा है तन
साखर में पगा हुआ है
धूर्त का संसार
ऐसे मेहमानों को
अब कर दो विदा
जब सोया है जमीर ,तो
कैसे उच्च विचार
चील,कौए सा युद्ध है
छिछोरा आचार
शैवाल सा बढ़ रहा है
काला व्यापार
ऐसे धनवानों को
अब कर दो विदा
---------शशि पुरवार