जीवन में कुछ बनना है ,तो
लिखना पढना जरुरी है
अच्छी अच्छी बाते सीखो
अच्छी संगति जरुरी है .
वृक्षों को तुम मत काटना
हरियाली भी बचानी है
पेड़ों से ही हमको मिलता
अन्न ,दाना -पानी है
प्रदूषण को मिलकर मिटाओ
पेड लगाना भी जरुरी है
देश के तुम हो भावी प्रणेता
देश के तुम हो भावी प्रणेता
राहों में आगे बढ़ना
मुश्किलें कितनी भी आयें
हिम्मत से डटे रहना
भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाना
चैनो -अमन भी जरुरी है
-------- शशि पुरवार
२८/ ९/ १३
नवम्बर २०१३ के बाल साहित्य विशेषांक के अंक में प्रकाशित मेरी रचना -- पाखी कविता के अंतर्गत अभिनव इमरोज पत्रिका , पंजाब