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चंदा मामा --
चंदा मामा
तुम जल्दी से आ जाना
हाँ प्यारे प्यारे सपने
मेरी इन आँखों में लाना
मामा तुम जब आते हो
मन को बहुत लुभाते हो
सभी मुझे , यह कहते है
कितना हमें सताते हो।
चंदा मामा
तुम जल्दी से आ जाना। .......... !
मामा जब तुम आते हो
तो ,माँ भी आ जाती है
प्यारी प्यारी नई कथा
हमको रोज सुनाती है
चंदा मामा ,
तुम जल्दी से आ जाना ………।
मामा जब तुम आते हो
माँ लोरी भी गाती है
हाथो से थपकी देकर
मीठी नींद सुलाती है
वह प्यार से सुलाती है
चंदा मामा ,
तुम जल्दी से आ आ जाना .
--- शशि पुरवार
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२ नाना - नानी
नाना - नानी सबसे प्यारे
नाना - नानी सबसे प्यारे
हमको लाड लड़ाते है
जब भी हमसे मिलने आते
खेल खिलौने लाते है
रोज पार्क में सुबह सवेरे
हमको सैर करते है
खूब खेलते साथ हमारे
हँसकर मन बहलाते है
मम्मी -पापा के गुस्से से
हमको रोज बचाते है
लड्डू ,पेड़े, रसगुल्ले भी
ये हमको दिलावाते है
हमसे गलती हो जाती जब
खूब हमें समझाते है
नयी नयी बातें सिखलाते
कथा -कहानियाँ सुनाते है
नयी नयी बाते सिखलाकर
मन सबका बहलाते है.
--- शशि पुरवार
उदंती पत्रिका मई २०१४ में प्रकाशित मेरी दोनों रचनाये , सम्पादकीय टीम का आभार।