आतंकी तारीखे बनी
अमावस की काली रात
कैद हुए मंजर आँखों में
और गोलियों की बरसात
चीत्कार उठा था ब्रम्हांड
तारे अब भी सुलग रहे.
अमावस की काली रात
कैद हुए मंजर आँखों में
और गोलियों की बरसात
चीत्कार उठा था ब्रम्हांड
तारे अब भी सुलग रहे.
ताबूत बने थे वे दिन ,
जब सोई मानवता की लाश
उफन रही थी बर्बरता
उजड़ रही थी साँस
देखो घर के भेदी ,अपने
ही घर को निगल रहे.
जब सोई मानवता की लाश
उफन रही थी बर्बरता
उजड़ रही थी साँस
देखो घर के भेदी ,अपने
ही घर को निगल रहे.
उत्तरकाल के गुलशन की
नवपल्लव ने जगाई आशा
दिन ,महीने हो गुलजार
ह्रदय की यही अभिलाषा
युवा क्रांति के दृढ़ कदम, अब
दर्पण जग का बदल रहे .
नवपल्लव ने जगाई आशा
दिन ,महीने हो गुलजार
ह्रदय की यही अभिलाषा
युवा क्रांति के दृढ़ कदम, अब
दर्पण जग का बदल रहे .
नूतन वर्ष पर दीवारों के
पंचांग अब बदल रहे .
शशि पुरवार पंचांग अब बदल रहे .