shashi purwar writer

Sunday, September 23, 2012

आँखों का धोखा

 
हाइकु
1 तरसे नैना
परदेश सजन
कैसे पुकारू
 
2 नैना प्यासे
प्रभु दरसन के
सुनो अरज .

3 आँखों की हया
लज्जा की चुनर
नारी गहना

4 मोह औ माया
अहंकार का पर्दा
आँखों का धोखा .

5 पाखी है मन
चंचल चितवन
नैना सलोने . 
 
6
अधूरी प्यास
अजन्मी ख्वाहिशे
वक़्त है कम .

7
रीता ये मन
कोख का सूनापन
अतृप्त आत्मा .

8
अधूरापन
ज्ञान के खिले फूल
खिला पलाश .

9
अतृप्त मन
भटकता जीवन
ढूंढें किनारा .
 
10
नन्हे कदम
मोहिनी म्रदुहास्य 
खिला अंगना .
11
अश्क आँखों के
सूख गए है जैसे
रीता झरना .
12
पीर तन की
अब सही न जाती 
 वृद्धा जीवन
13
आँखों में देखा
छलकता पैमाना
अहंकार का .
14
अंतरगित
सन्नाटे में बिखरी
तेज चीत्कार .
15
सुख के सब
होते है संगी- साथी
स्वार्थी जहान .
----शशि पुरवार
 

12 comments:

  1. bahut sundar haiku ...
    11th 13th ..sabse achcha laga ....!!
    shubhkamnayen ...!!

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  2. सभी हाइकु बेहद प्रभावी .... सुंदर

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  3. आँखों का यह धोखा बहुत खूबसूरत है |सभी क्षणिकाएं बेहतरीन |आभार

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  4. कम शब्दों में एक नयी गहराई..

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  5. भावपूर्ण प्रभावित करते लाजबाब हाइकू,,,,,

    RECENT POST समय ठहर उस क्षण,है जाता

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  6. बहुत बढ़िया हायेकु...

    सभी सुन्दर!!!

    सस्नेह
    अनु

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  7. सभी हाइकु एक से बढ़ कर एक..लाज़वाब

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  8. प्रभावशाली हाइकू, जैसे गागर में सागर।

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  9. शब्दों का खेल,बेहतरीन हाइकु ...कुछ जीवन से कुछ यथार्थ से !!!

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  10. वाह बहुत बढिया ...जीवन की आस से

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  11. सुन्दर प्रस्तुति।

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