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Tuesday, December 31, 2013

नये साल की गंध। …… २०१४

नये छंद से, नये बंद से
नये हुए अनुबंध

नयी सुबह की नयी किरण में
नए सपन की प्यास
नव गीतों के रस में भीगी
मन की पूरी आस

लगे चिटकने मन की देहरी
शब्दों के कटिबंध

नयी हवाएँ, नयी दिशाएँ
बरसे नेही, बादल
छोटी छोटी खुशियाँ भी हैं
इन नैनों का काजल

गमक रही है साँस साँस भी
हो कर के निर्बंध

नये वर्ष के नव पन्नों में
नये तराने होंगे
शेष रह गये सपन सलोने
पुनः सजाने होंगे

नयी ताजगी आयी लेकर
नये साल की गंध

--शशि पुरवार
३० दिसंबर २०१३


अनुभूति पत्रिका में प्रकाशित मेरा गीत ---- सभी ब्लोग्गर मित्रो को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये , मंगलकामनाये  ....... नव वर्ष आपके जीवन में  खुशियाँ , सुख , समृद्धि लेकर आये। . 

8 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज मंगलवार (31-12-13) को "वर्ष 2013 की अन्तिम चर्चा" (चर्चा मंच : अंक 1478) पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    2013 को विदायी और 2014 की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. आपकी लिखी रचना बुधवार 01/01/2014 को लिंक की जाएगी...............
    http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
    आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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  3. सुन्दर गीत !
    नया वर्ष २०१४ मंगलमय हो |सुख ,शांति ,स्वास्थ्यकर हो |कल्याणकारी हो |
    नई पोस्ट नया वर्ष !
    नई पोस्ट मिशन मून

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  4. बहुत सुंदर !
    नव वर्ष शुभ हो !

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  5. सुन्दर.......नव वर्ष मंगलमय हो

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  6. नव वर्ष की ताज़ा गंध ऐसे ही महकती रहे ...
    नव वर्ष की मंगल कामनाएं ...

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  7. कोमल भावो की
    बेहतरीन........आपको भी नववर्ष की शुभकामनायें

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आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए अनमोल है। हमें अपने विचारों से अवगत कराएं। सविनय निवेदन है --शशि पुरवार

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