shashi purwar writer

Tuesday, April 21, 2015

हाइकु -- सुख की ठाँव




सुख की ठाँव
जीवन के दो रंग
धूप औ छाँव

भ्रष्ट अमीरी
डोल गया ईमान
तंग गरीबी

शब्दो  का मोल
बदली परिभाषा
थोथे  है  बोल

मन के काले
धूर्तता आवरण
सफेदपोश
--- शशि पुरवार

3 comments:

  1. बहुत सुन्दर और सार्थक हाइकु...

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  2. बहुत खूब , शब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन

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