ब्लॉग सपने - जीवन के रंग अभिव्यक्ति के साथ, प्रेरक लेख , कहानियाँ , गीत, गजल , दोहे , छंद

Wednesday, June 17, 2020

बाल कवितायेँ




1
जीवन में कुछ बनना है ,तो
लिखना पढना जरुरी है
रोज नियम से अभ्यास करो
मन लगाकर ही पढना
गर्मी की छुट्टी आये ,तब
खूब धमाल करना
न मेहनत से जी चुराओ
ज्ञान लेना भी जरुरी है .


झूठ कभी मत बोलना , तुम
सच्चाई का थामो हाथ
नेक राहों पर चलने से ,बड़ो
का मिलता है ,आशीर्वाद 
अच्छी अच्छी बाते सीखो
अच्छी संगति  जरुरी है .
वृक्षों को  तुम मत काटना
हरियाली भी बचानी है
पेड़ों से ही हमको मिलता
अन्न ,दाना -पानी है
प्रदूषण को मिलकर मिटाओ
पेड  लगाना  भी जरुरी है

देश के तुम हो भावी प्रणेता
राहों में आगे बढ़ना
मुश्किलें कितनी भी आयें
हिम्मत से डटे रहना
भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाना
चैनो -अमन भी जरुरी है
-------- शशि पुरवार
२८/ ९/ १३

------------------
१ 
चंदा मामा --
चंदा  मामा
तुम जल्दी से आ जाना
हाँ  प्यारे प्यारे सपने
मेरी इन आँखों में लाना
मामा  तुम जब आते हो
मन को  बहुत लुभाते हो
दीदी - भैया मुझे कहे  
सब मुझे , यही कहते है
हमें  कितना सताते हो।

चंदा मामा 
तुम जल्दी से आ जाना। .......... !

मामा जब तुम आते हो 
तो ,माँ भी आ जाती है 
प्यारी प्यारी कहानियाँ 
वह रात में सुनाती  है  


चंदा मामा ,
तुम जल्दी से आ जाना  ………।  

मामा जब तुम आते हो 
माँ लोरी भी सुनाती है 
खूब खेलती औ  हँसती
फिर धीरे से कहती है  
"लल्ला , अब तुम सो जाना "

चंदा मामा , 
तुम  जल्दी  से यहाँ आना 
फिर वापिस मत जाना।  
 --- शशि पुरवार

----------------------
२  नाना - नानी

नाना - नानी कितने प्यारे
हमें खूब लाड लड़ाते है
जब भी हमसे मिलने आते
वह खेल खिलौने लाते है

हमें  रोज शाम बगीचे में 
टहलाने  भी ले  जाते है
रोज हमारे साथ खेलते
जमकर  बातें करते है
मम्मी -पापा की डाँट से
हमें चुपके से बचाते है


लड्डू पेड़े और  रसगुल्ले
गब्ब्बारे भी दिलावाते है
हमसे गलती हो जाने पर
बड़े प्यार से समझाते है


नयी नयी बातें सिखलाते
कथा -कहानियाँ सुनाते है
नाना - नानी सबसे प्यारे
हमें खूब लाड लड़ाते है।

--- शशि पुरवार
१३  / 12 / 13 



सुबह सुबह -
कुकड़ू कु  कुकड़ू  कू

सुबह सुबह मुर्गा बोला

ढलती रात
, निकलता दिन
 मेरामन  भी है  डोला
जब भोर को ठंडी हवा
पत्तों से टकराती है
चिड़िया भी दाना चुगने
झट से नीचे आती है

सूरज को निकलते देख
कौवा काँव काँव बोला

सुबह सुहानी धूप खिली
  तो पंछी भी इतराये
बागों में कलियाँ झूमे
फिर
,भँवरे भी  मँडराये  

शुरू हुई चहल-पहल , फिर
तोता राम राम बोला।

 -- शशि पुरवार
१३/१२/१३

------------

४ 

चींटी रानी
चींटी रानी बहुत सयानी
नहीं श्रम से घबराती है
अपने कद से ऊँचा भोजन
बहुत जतन  से ले जाती  है


वह मिलजुल के काम करे
अनुसाशन सिखलाती  है
चीटियों के संग उनकी
ताकत भी  दिखलाती है
नहीं रूकती नहीं हारती 
सिर्फ कर्म करती जाती है
फल की चिंता छोड़कर ,बस
मंजिल के पथ पर जाती है


 -- शशि पुरवार

3 comments:

  1. इतने गहरे विचार बहुत खूब
    मैंने हाल ही में ब्लॉगर ज्वाइन किया है आपसे निवेदन करना चाहती हूं कि आप मेरे पोस्ट को पढ़े और मुझे सही दिशा निर्दश दे
    https://shrikrishna444.blogspot.com/?m=1

    ReplyDelete

आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए अनमोल है। हमें अपने विचारों से अवगत कराएं। सविनय निवेदन है --शशि पुरवार

आपके ब्लॉग तक आने के लिए कृपया अपने ब्लॉग का लिंक भी साथ में पोस्ट करें
.



जेन जी का फंडा सेक्स, ड्रिंक और ड्रग

    आज की युवा पीढ़ी कहती है - “ हम अपनी शर्तों पर जीना चाहते हैं समय बहुत बदल गया है   ….  हमारे माता पिता हमें हर वक़्त रोक टोक करते हैं, क्...

https://sapne-shashi.blogspot.com/

linkwith

🏆 Shashi Purwar — Honoured as 100 Women Achievers of India | Awarded by Maharashtra Sahitya Academy & MP Sahitya Academy