1सिंदूरी आभा
सुनहरा गहना
साँझ है सजी .
2 अम्बर संग
अवनि का मिलन
संध्या बेला में
3 सुनहरा है
प्रकृति का बंधन
स्वर्णिम पल
4 उषाकाल में
केसरिया चुनर
हिम पिघले .
5 शूल जो मिले
हम तो नहीं हारे
छु के गगन .
6 छु लिया जहाँ
मिला श्रम का मोल
सुहानी भोर
7 सुनहरा है
आने वाला सबेरा
नया जीवन
8 पाया है जहाँ
सुनहरा आसमां
कर्मो से सजा .
9 हरीतिमा की
भीनी चदरिया
सावन भादो
10 नयना प्यासे
प्रभु दरसन के
सुनो अरज
11 पाखी है मन
चंचल चितवन
नैना सलोने .
-शशि पुरवार