माँ का अंगना प्यारा रे........
प्यारा सलोना
दुनियां में रखा जब पहला कदम
माँ के आँचल में
खिला बचपन
सपनो को लगे
सुनहरे पंख ........!,
गुरु बनके ज्ञान दे दिया रे
हुआ सफल जीवन,
माँ का आशीष प्यारा रे
प्यारा सलोना
जीवन की राहो में बढ़ते कदम
मुश्किल घडी में
डरता यह मन
कैसे लड़ेंगे
तुफानो से हम .........,
तपते मन को सहला दिया रे
बनके शीतल पवन ,
माँ का साथ लागे प्यारा रे
प्यारा सलोना
स्नेह वात्सल्य से भरा बंधन
शादी कर माँ ने
निभाया धरम
आँखों में मोती
छुपा के किया भ्रम ......... ,
कालजे पे पत्थर रख लिया रे
बेटी बने सुहागन
माँ का प्यार बड़ा न्यारा रे
प्यारा सलोना
पल पल माँ को ढूंढें नयन
माँ की छाया
कैसे बने हम
दिल में महकती
माँ की छुअन......... ,
पीहर की तड़प बढ़ा गयी रे
चली यादों की पवन
माँ का अंगना प्यारा रे
प्यारा सलोना .
3.10.12
--------- शशि पुरवार
माँ के आँचल में
खिला बचपन
सपनो को लगे
सुनहरे पंख ........!,
गुरु बनके ज्ञान दे दिया रे
हुआ सफल जीवन,
माँ का आशीष प्यारा रे
प्यारा सलोना
जीवन की राहो में बढ़ते कदम
मुश्किल घडी में
डरता यह मन
कैसे लड़ेंगे
तुफानो से हम .........,
तपते मन को सहला दिया रे
बनके शीतल पवन ,
माँ का साथ लागे प्यारा रे
प्यारा सलोना
स्नेह वात्सल्य से भरा बंधन
शादी कर माँ ने
निभाया धरम
आँखों में मोती
छुपा के किया भ्रम ......... ,
कालजे पे पत्थर रख लिया रे
बेटी बने सुहागन
माँ का प्यार बड़ा न्यारा रे
प्यारा सलोना
पल पल माँ को ढूंढें नयन
माँ की छाया
कैसे बने हम
दिल में महकती
माँ की छुअन......... ,
पीहर की तड़प बढ़ा गयी रे
चली यादों की पवन
माँ का अंगना प्यारा रे
प्यारा सलोना .
3.10.12
--------- शशि पुरवार
बहुत भाव भरे कविता..
ReplyDeleteबहुत सुंदर भाव पूर्ण रचना
ReplyDeleteमाँ की ममता पर एक माँ द्वारा लिखा सुंदर गीत |आभार
ReplyDeleteबेहद भावपूर्ण रचना वाह क्या बात है
ReplyDeleteप्यारी दुलारी...नेह से भीगी रचना...
ReplyDeleteसस्नेह
अनु
shasi ji namskar, sundar shbdo bhri dil ke karib sach maa to eaisi hi hoti hai shasi ji
ReplyDeleteभावपूर्ण .....बहुत प्यारा गीत ....!!
ReplyDeleteइसमे सुर भर दीजिये ...
बहुत सुंदर रचना !
ReplyDeleteमाँ के बारे में कितना कुछ भी लिख दें हम...... कम ही है !
~माँ छाया,
माँ साया,
पूरा संसार...
माँ में समाया...~
-सादर !!!
ma ek aesa shabd hai jo mujhe hamesha hi apni aur khichta hai
ReplyDeletebahut sunmder kavita hai
bahut bahut badhai
माँ का अंगना प्यारा रे
ReplyDeleteप्यारा सलोना ....बेहद कोमल, ममतामई रचना पढ़ना बहुत अच्छा लगा ...
आभार शशि जी इतनी सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए ....
क्या खूब
ReplyDeleteवाह, बहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteक्या बात
मेरे नए ब्लाग TV स्टेशन पर देखिए नया लेख
http://tvstationlive.blogspot.in/2012/10/blog-post.html
waah maa ke angne ki yaad dila di...
ReplyDeleteवाह दिल छू गई आपकी यह रचना सच में माँ को कभी नहीं भूल सकते
ReplyDeleteआज आपके ब्लॉग पर बहुत दिनों बाद आना हुआ अल्प कालीन व्यस्तता के चलते मैं चाह कर भी आपकी रचनाएँ नहीं पढ़ पाया. व्यस्तता अभी बनी हुई है लेकिन मात्रा कम हो गयी है...:-)
ReplyDeleteएक एक पंक्ति ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....!!!!