मेरे ख्वाबों का
सुन्दर आशियाना
प्यार की रेशमी डोर
विश्वास का खजाना
सतरंगी सपनो से
आने वाले कल की
झालर बनाना
बचपन के पलों को
सहेज पिटारे में रख
पंछी बन उड़ जाना ,
आकांशाओ के वृक्ष पे
आशा का दीपक रखना
पूर्ण ,अपूर्ण अनुभूतियों की
एक ख्वाबगाह बनाना
दीवारों पे अपने नाम का
दुधियाँ रंग सार्थक कर
शशि की शीतलता
को जग में फैलाना।
अमावस की काली रात में
कलम से उकेरे शब्दों की
शीतल किरणों सा प्रकाश
दीप प्रज्वलित करना
जीवन की राहो में
पी का साथ निभाना।
कांटो को चुन ,उसकी
राहो में फूल बिछाना ,
नहीं कोई चाहत दिल में
बस मेरे जाने के बाद तुम
मेरे सपनो का ताजमहल
मत बनाना , खुश रहना
मुझे मेरी कलम में ही ढूंढ लेना
मै अविरल सी बहती हूँ मेरे
ख्वाबो के ताजमहल में
जब जी चाहे मेरे
सपनो की घाटियों में
एक फूल ले चले आना
सदा अमर रहूंगी
शब्दों के माध्यम से
जब जी चाहे चाहे
आकर मिल जाना .
--शशि पुरवार
सुन्दर आशियाना
प्यार की रेशमी डोर
विश्वास का खजाना
सतरंगी सपनो से
आने वाले कल की
झालर बनाना
बचपन के पलों को
सहेज पिटारे में रख
पंछी बन उड़ जाना ,
आकांशाओ के वृक्ष पे
आशा का दीपक रखना
पूर्ण ,अपूर्ण अनुभूतियों की
एक ख्वाबगाह बनाना
दीवारों पे अपने नाम का
दुधियाँ रंग सार्थक कर
शशि की शीतलता
को जग में फैलाना।
अमावस की काली रात में
कलम से उकेरे शब्दों की
शीतल किरणों सा प्रकाश
दीप प्रज्वलित करना
जीवन की राहो में
पी का साथ निभाना।
कांटो को चुन ,उसकी
राहो में फूल बिछाना ,
नहीं कोई चाहत दिल में
बस मेरे जाने के बाद तुम
मेरे सपनो का ताजमहल
मत बनाना , खुश रहना
मुझे मेरी कलम में ही ढूंढ लेना
मै अविरल सी बहती हूँ मेरे
ख्वाबो के ताजमहल में
जब जी चाहे मेरे
सपनो की घाटियों में
एक फूल ले चले आना
सदा अमर रहूंगी
शब्दों के माध्यम से
जब जी चाहे चाहे
आकर मिल जाना .
--शशि पुरवार
bhaut sunder ...bhav prdhan abhivukti :):)
ReplyDeleteबहुत सुंदर ...मर्मस्पर्शी.....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
ReplyDeleteभावुक कर दिया शशि....
सस्नेह
अनु
अत्यन्त मधुर भाव..
ReplyDeleteबेहतरीन
ReplyDeleteसादर
दिल छूने वाले भावों को मेरा सलाम शशि जी | इस सुन्दर रचना के लिए सादर आभार |
ReplyDeleteबेहद सुन्दर भावुक करती है रचना उम्दा
ReplyDeleteबहुत सुन्दर , आभार
ReplyDeleteकितना प्यार क्षलकता है इस कविता में. हृदयस्पर्शी भावपूर्ण प्रस्तुति.
ReplyDeletemere sabhi mitro ka abhar jinhone apne sneh se yah aangal sajaya hai aur sadaiv protsaahit kiya hai . anmol hai aap sabhi ki samiksha mitro ,apna sneh banaye rakhen ,-----shashi
ReplyDeleteबिल्कुल सही..... सार्थक रचना
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर कविता |वाकई प्रेम की डोर रेशमी होती है |
ReplyDeleteमधुर भाव लिये भावुक करती रचना,,,,,,
ReplyDeleteRECENT POST: तेरी फितरत के लोग,
अच्छी रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर
Ati sundar...
ReplyDeleteभई वाह ...
ReplyDeleteआभार आपका खूबसूरत अभिव्यक्ति के लिए !
बहुत अद्भुत अहसास...सुन्दर प्रस्तुति...
ReplyDeleteसुन्दर चित्रांकन खुबसूरत जज्बात
ReplyDeleteकल 19/10/2012 को आपकी यह खूबसूरत पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
बहुत सुंदर...भावपूर्ण रचना ! मन को महकाती हुई सी निकल गयी..
ReplyDelete~सादर !!!
बहुत ही बेहतरीन भावपूर्ण रचना..
ReplyDeleteअतिसुन्दर लेखन
ReplyDeleteआभार
मेरे ब्लॉग पर स्वागत है।