१) बर्फीली घाटी
२) शब्द है गुम
मौन हुआ मुखर
खामोश बातें
३) एकाकीपन
बिखरी है उदासी
स्याही ख़ामोशी
४) आतंकवाद
जीवन के उजाले
की स्याही रात
५) गहन रात
छुप गया है चाँद ,
कृष्ण -पक्ष में .
६) चुप है रात
ख़ामोशी लगे खास
वृन्दावन में .
७) साक्षी है रात
कृष्ण -राधा का रास
वृन्दावन में.
८) मन दर्पण
दिखता है अक्स
चेहरे संग.
९) चन्दन टिका
मस्तक पे है सजा
शिव-शंकर .
१०) राग - बैरागी
सुर गाये मल्हार
छिड़ी झंकार .
११) धरा -अम्बर
पे तारों की चुनर
सौम्य श्रंगार .
१२) तन चन्दन
जले मनमोहिनी
अगरबत्ती .
१३) मोहक रूप
फूलों संग श्रंगार
छुईमुई सा .
१४) सुंदर स्वप्न
तितली बन उड़े
अखिंयन में .
१५) है फूल खिले
गुलजार है मन
मधुबन में .
१६) सूखे है पत्ते
बदला हुआ वक़्त
पड़ाव , अंत .
१७) सूखी पत्तिया
बेजार हुआ तन
अंतिम क्षण .
१८) हिम शिखर
मनमोहिनी घटा
अप्रतिम सा .
१९) परिवर्तन
वक़्त की है पुकार
कदम ताल .
२०) नव वर्ष की
शुभ बेला है आई
ले अंगड़ाई.
२१) गहन रात
पूनम का ये चाँद
खिलखिलाता.
२२) मेरी जिंदगी !
मेरे ख्वाबों को तुम,
नया नाम दो .
२३) साँसों में बसी
है खुशबू प्यार की,
तुम जान लो .
२४) प्यार के पल
महक रही यादें
तन्हाई संग .
२५) सुहानी धूप
सर्द हुआ मौसम ,
सिमटा वक्त
२६) सजी तारो से
रात , बिखेरे छटा
पूनों का चाँद .
२७) बाजरा -रोटी
घी संग गुड डली
सौंधी -सी लगे .
२८) पीली सरसों
मक्के दी भाखरी ,लो
सर्दी है आई.
:- शशि पुरवार
प्रकाशित हुए हयुक .
सन्नाटे को चीरती
हुयी ख़ामोशी .२) शब्द है गुम
मौन हुआ मुखर
खामोश बातें
३) एकाकीपन
बिखरी है उदासी
स्याही ख़ामोशी
४) आतंकवाद
जीवन के उजाले
की स्याही रात
५) गहन रात
छुप गया है चाँद ,
कृष्ण -पक्ष में .
६) चुप है रात
ख़ामोशी लगे खास
वृन्दावन में .
७) साक्षी है रात
कृष्ण -राधा का रास
वृन्दावन में.
८) मन दर्पण
दिखता है अक्स
चेहरे संग.
९) चन्दन टिका
मस्तक पे है सजा
शिव-शंकर .
१०) राग - बैरागी
सुर गाये मल्हार
छिड़ी झंकार .
११) धरा -अम्बर
पे तारों की चुनर
सौम्य श्रंगार .
१२) तन चन्दन
जले मनमोहिनी
अगरबत्ती .
१३) मोहक रूप
फूलों संग श्रंगार
छुईमुई सा .
१४) सुंदर स्वप्न
तितली बन उड़े
अखिंयन में .
१५) है फूल खिले
गुलजार है मन
मधुबन में .
१६) सूखे है पत्ते
बदला हुआ वक़्त
पड़ाव , अंत .
१७) सूखी पत्तिया
बेजार हुआ तन
अंतिम क्षण .
१८) हिम शिखर
मनमोहिनी घटा
अप्रतिम सा .
१९) परिवर्तन
वक़्त की है पुकार
कदम ताल .
२०) नव वर्ष की
शुभ बेला है आई
ले अंगड़ाई.
२१) गहन रात
पूनम का ये चाँद
खिलखिलाता.
२२) मेरी जिंदगी !
मेरे ख्वाबों को तुम,
नया नाम दो .
२३) साँसों में बसी
है खुशबू प्यार की,
तुम जान लो .
२४) प्यार के पल
महक रही यादें
तन्हाई संग .
२५) सुहानी धूप
सर्द हुआ मौसम ,
सिमटा वक्त
२६) सजी तारो से
रात , बिखेरे छटा
पूनों का चाँद .
२७) बाजरा -रोटी
घी संग गुड डली
सौंधी -सी लगे .
२८) पीली सरसों
मक्के दी भाखरी ,लो
सर्दी है आई.
:- शशि पुरवार
प्रकाशित हुए हयुक .