shashi purwar writer
Tuesday, October 18, 2011
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
समीक्षा -- है न -
शशि पुरवार Shashipurwar@gmail.com समीक्षा है न - मुकेश कुमार सिन्हा है ना “ मुकेश कुमार सिन्हा का काव्य संग्रह जिसमें प्रेम के विविध रं...
https://sapne-shashi.blogspot.com/
-
मेहंदी लगे हाथ कर रहें हैं पिया का इंतजार सात फेरो संग माँगा है उम्र भर का साथ. यूँ मिलें फिर दो अजनबी जैसे नदी के दो किनारो का...
-
हास्य - व्यंग्य लेखन में महिला व्यंग्यकार और पुरुष व्यंग्यकार का अंतर्विरोध - कमाल है ! जहां विरोध ही नही होना चाहिए वहां अ...
-
साल नूतन आ गया है नव उमंगों को सजाने आस के उम्मीद के फिर बन रहें हैं नव ठिकाने भोर की पहली किरण भी आस मन में है जगाती एक कतरा धूप भी, ...
linkwith
🏆 Shashi Purwar — Honoured as 100 Women Achievers of India | Awarded by Maharashtra Sahitya Academy & MP Sahitya Academy
Beautiful post for Diwali:)
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर कविता।
ReplyDeleteसादर
deepawali par
ReplyDeleteshabdon kee aatishbaazee
karee shashee ne
दीपावली भी तो प्रीत जोड़ती है ... मिलन का त्य्हार है ...
ReplyDeleteबधाई इस रचना पे ...
बढ़िया दीप गीत ..
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको !
रॉकेट संग उमंगें
ReplyDeleteकरे नभ से रीत
पैगाम दे मुकाम का
प्रयत्न संग जोड़ो प्रीत.
बहुत सुंदर गीत !!
sunder rachna
ReplyDeleteसुंदर रचना।
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
हरेक पंक्ति बहुत मर्मस्पर्शी है। कविता अच्छी लगी ।
ReplyDeleteसंजय भास्कर
आदत....मुस्कुराने की
पर आपका स्वागत है
http://sanjaybhaskar.blogspot.com