Wednesday, June 27, 2012
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समीक्षा -- है न -
शशि पुरवार Shashipurwar@gmail.com समीक्षा है न - मुकेश कुमार सिन्हा है ना “ मुकेश कुमार सिन्हा का काव्य संग्रह जिसमें प्रेम के विविध रं...
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बस ऐसे ही आगे बढ़ते रहो ...मंजिल और भी खूबसूरत मिलेगी
ReplyDeleteजीवन तो है अनमोल,यहाँ पल पल का है मोल,
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति,,,सुंदर रचना,,,,,
MY RECENT POST काव्यान्जलि ...: बहुत बहुत आभार ,,
We have to watch our steps so that we make less mistakes. Great poem...:)
ReplyDeleteकदम जब बढ़ता जाएगा
ReplyDeleteमंजिल खुद करीब आएगा
कल 29/06/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
बढिया
ReplyDeletesunder
ReplyDeletecalculated steps with a smile on face..
ReplyDeletemantra of life..
nice message :)
वीर तुम बढे चलो,
ReplyDeleteधीर तुम बढे चलो...
प्रेरित करती कविता....बहुत सुन्दर...
सुन्दर अभिव्यक्ति....
ReplyDeleteएक सन्देश...!
सुंदर रचना
ReplyDeleteअच्छा सन्देश देती सुन्दर रचना...
ReplyDelete:-)
ज़िन्दगी इक सफ़र है सुहाना...बस आगे ही बढ़ते जाना...सुंदर रचना !!
ReplyDeleteअच्छी प्रेरक रचना...
ReplyDeleteसादर बधाई।
वाह ... बहुत ही अच्छी प्रस्तुति।
ReplyDeleteबहुत सी सुंदर !
ReplyDeleteझरने सी झरती हुई..... आपकी ये कविता जीवन के सत्य का बखान करते हुए आसानी से जीवन के मोल और उसके उद्देश्य को समझा गयी ! Thanks for sharing !!! :)
एक उत्साहवर्धक रचना ...मन प्रसन्न
ReplyDeleteaap sabhi ka tahe dil se abhar ....doston .:)
ReplyDelete)
सच है ये जीवन अनमोल है ... सोच समझ के सभी काम करना चाहए ... आशा के बीज बोती रचना ...
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