जय भारत के वीर जवानों
आजादी के मस्तानो
अब जोश दिलों में भंग न हो।
नव भारत में नयी दिशाएं
मिट जाएँ काली निशायें
घर घर में फैले उजियारा
फिर खुशियों की बहे हवाएं
प्रातः की नयी किरणों में
आतंक का बेरंग न हो,
अब जोश दिलों में भंग न हो।
नये पौध के नये आचार
संस्कारों का दृढ़ आधार
विदेशी धरती पर भी देखो
कर रहे संस्कृति का प्रसार
नव सांसो में नव प्राण दो
पर जड़े अपनी तंग न हो
अब जोश दिलों में भंग न हो
नए राष्ट्र के प्रांगण में
चैनो अमन के फूल खिले
राष्ट्रप्रेम की जन अभिलाषा
हर बालक के दिल में मिले
नवयुग का आह्वान करो
पर निज स्वार्थ की जंग न हो
अब जोश दिलों भंग न हो।
पावन भूमि यह भारती की
माँ , हमारी पालनहार है
मातृभूमि की लाज बचाने
यहाँ जन जन भी तैयार है
वैरी की आशा तोड़ दो
हाँ सेना अपनी भंग न हो।
अब जोश दिलों में भंग न हो
-- शशि पुरवार
सभी मित्रो और परिजनों को स्वतंत्रा दिवस शुभकामनाये।
जय हिन्द ,जय भारत। - शशि पुरवार
बहुत सुंदर रचना,,,
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,
RECENT POST: आज़ादी की वर्षगांठ.
सुंदर रचना
ReplyDeleteस्वतंत्र दिवस की शुभकामनाएं ..
latest os मैं हूँ भारतवासी।
latest post नेता उवाच !!!
जोश जगाती रचना..
ReplyDeleteप्रभावी रचना.
ReplyDeleteरामराम.
बहुत ही सुन्दर रचना.....
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ...
:-)
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज शुक्रवार (16-08-2013) को बेईमान काटते हैं चाँदी:चर्चा मंच 1338 ....शुक्रवार... में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर
Behad sundar rachana...swatantrata diwas kee dheron shubh kamnayen!
ReplyDeletejosh se ot prot desh bhaavnaa jagaate sundar rachnaa
ReplyDeleteवाह बहुत खूब
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