१
श्री कृष्ण
नाम है
आनंद की अनुभूति का,
प्रेम के प्रतिक का ,
ज्ञान के सागर का
और जीवन की
पूर्णता का।
२
श्री कृष्ण ने
गीता में दिया है
निति नियमो का ज्ञान
जीवन को जीने का सार ,
पर इस युग में तो
मानव ने
राहों में रोप दिए है
क्षुद्रता के
कंटीले तार।
३
मोहन ने
शंख बजाकर
उद्घोष किया था
करो दुष्टों का नाश.
आज कलयुग में
अधमता के
काले बादलों से
भरा हुआ है आकाश।
४
लक्ष्य
निर्धारित करता है
आने वाले कल की
दिशाएँ
और
नए संसार का
अभिकल्प।
५
श्री कृष्ण
जन्मोउत्सव
ह्रदय में
उन्माद की आंधी
श्याम बनने को होड़ में
बाल गोपाल
फोड़ रहे है
दही हांड़ी।
६
फूलों से सजा
हिंडोला
दूध - दही की
बहती गंगा
विविध पकवान
पंचामृत का भोग
भक्ति का बहता सागर
मन हो जाये चंगा।
24.8.13 १
-------------
1
श्याम ने दिया
प्रेम का गूढ़ अर्थ
भक्तों ने जिया।
२
सांसों में बसी
भक्ति - भाव की धारा
ज्ञान लौ जली
३
नियम सारे
ज्ञान का सागर है
मोहन प्यारे।
४
माहिया --
- शशि पुरवार
श्री कृष्ण
नाम है
आनंद की अनुभूति का,
प्रेम के प्रतिक का ,
ज्ञान के सागर का
और जीवन की
पूर्णता का।
२
श्री कृष्ण ने
गीता में दिया है
निति नियमो का ज्ञान
जीवन को जीने का सार ,
पर इस युग में तो
मानव ने
राहों में रोप दिए है
क्षुद्रता के
कंटीले तार।
३
मोहन ने
शंख बजाकर
उद्घोष किया था
करो दुष्टों का नाश.
आज कलयुग में
अधमता के
काले बादलों से
भरा हुआ है आकाश।
४
लक्ष्य
निर्धारित करता है
आने वाले कल की
दिशाएँ
और
नए संसार का
अभिकल्प।
५
श्री कृष्ण
जन्मोउत्सव
ह्रदय में
उन्माद की आंधी
श्याम बनने को होड़ में
बाल गोपाल
फोड़ रहे है
दही हांड़ी।
६
फूलों से सजा
हिंडोला
दूध - दही की
बहती गंगा
विविध पकवान
पंचामृत का भोग
भक्ति का बहता सागर
मन हो जाये चंगा।
24.8.13 १
-------------
1
श्याम ने दिया
प्रेम का गूढ़ अर्थ
भक्तों ने जिया।
२
सांसों में बसी
भक्ति - भाव की धारा
ज्ञान लौ जली
३
नियम सारे
ज्ञान का सागर है
मोहन प्यारे।
४
हर्षोल्लास
भक्ति भाव की गंगा
गोकुल खास
५
बाल गोपाल
दही हांडी की धूम
हर चौराहे।माहिया --
१
हाँ ,शीश मुकुट सोहे
हाँ ,शीश मुकुट सोहे
अधरों पे बंशी
मन को कान्हा मोहे।
२
राधा लागे है प्यारी
छेड़े गोप वधू
रास रचे है गिरधारी
25 .8 13 - शशि पुरवार
मेरे मोहन प्यारे अद्भुत
ReplyDeleteबहुत सुंदर सभी रचनाएँ .... माहिया हों या हाइकु ॥
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