मन को जिसने
फिर भरमाया
फिर भरमाया
जादू ऐसा
दिल पिघलाया
दिल पिघलाया
लगता हमको
प्यारा साया
प्यारा साया
सखी सहेली
पास बुलाया
पास बुलाया
महफ़िल में अब
रंग जमाया
रंग जमाया
हर कोई फिर
दौड़ा आया
दौड़ा आया
-शशि पुरवार
ब्लॉग सपने शशि में आप पढ़ेंगे जीवन के रंग अभिव्यक्ति के संग.. प्रेरक कहानियाँ, लेख और साहित्यिक रचनाओं का संसार ।आपका अपना संसार ।
आज की युवा पीढ़ी कहती है - “ हम अपनी शर्तों पर जीना चाहते हैं समय बहुत बदल गया है …. हमारे माता पिता हमें हर वक़्त रोक टोक करते हैं, क्...
सुंदर !
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ReplyDeleteआप की लिखी ये रचना....
07/10/2015 को लिंक की जाएगी...
http://www.halchalwith5links.blogspot.com पर....
आप भी इस हलचल में सादर आमंत्रित हैं...
हर कोई फिर
ReplyDeleteदौड़ा आया
सुंदर रचना
ReplyDeleteसुंदर रचना
ReplyDeleteयदि आपकी रूचि हिंदी कविता पढ़ने-लिखने में है, तो आप गूगल+ पर हमारी कम्युनिटी 'हमारा हिंदी-मंच' (https://plus.google.com/u/0/communities/103937543352029619330) को ज्वाइन कर सकते हैं। लेकिन हमारी इस कम्युनिटी में स्वरचित हिंदी कविताओं के अतिरिक्त कोई भी अन्य सामग्री पोस्ट करना व् एक-दो लाइन की आधी-अधूरी रचनाओं के साथ अपने ब्लॉग पेज व् किसी अन्य वेब पेज अथवा साइट्स को प्रमोट करना सर्वथा वर्जित है।
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