सपनो को लगा के पंख
कुछ यूँ मुस्काये
जज्बात
जैसे ठहर गयी हो
चांदनी मन की
घाटियों में
कैसे कहूँ ,
मन के भावो को
घुमड़ रहे
अनगिनत विचार ,
व
खेल रहे सपने
शब्दों के सूरज से,
और
बना रहे
एक नया
आकाश,
एक ब्रह्मांड
मेरे सपनो की
घाटियों में .
कल हो न हो
पर महकेंगे मेरे
भावो के फूल
जीवन बन कर
सपनो की
इन्ही यादों में
फिर
सदा साथ होंगे हम
गीत ,गजल ,या छंद
नहीं ,बस
एक खूबसूरत सा
एःसास और
प्यार बन के
शब्दों के
माध्यम से
इन्ही वादियों में ...... शशि पुरवार
आज से तीन साल पहले मैंने मेरे जन्मदिन पर मेरे प्यारे ब्लॉग सपने को एक आकर दिया था और किताबों में बंद रचनाये कब यहाँ खेलने लगी और समय पंख लगा के उड़ने लगा पता ही नहीं चला .आज मेरे ब्लॉग सपने का ३ रा जन्मदिन है , जिसे आप सभी ने बहुत प्यार दिया ,आज मुझे अंतरजाल पर भी प्यारा सा परिवार मिला ,जिसका प्यार अनमोल है , और साथ यहाँ अमर रहेगा , एक खूबसूरत एअह्साह है जो हमें सदा महकता रहेगा ,हम हमारे शब्दों में सदा जीवंत रहेंगे .------- आज खुद को खुद से मिला रही हूँ .
मेरे पूरे परिवार और मित्रो को धन्यवाद कह के पराया नहीं करना चाहूंगी सभी का स्नेह मेरे लिए अनमोल है . :) ---- शशि पुरवार
कुछ यूँ मुस्काये
जज्बात
जैसे ठहर गयी हो
चांदनी मन की
घाटियों में
कैसे कहूँ ,
मन के भावो को
घुमड़ रहे
अनगिनत विचार ,
व
खेल रहे सपने
शब्दों के सूरज से,
और
बना रहे
एक नया
आकाश,
एक ब्रह्मांड
मेरे सपनो की
घाटियों में .
कल हो न हो
पर महकेंगे मेरे
भावो के फूल
जीवन बन कर
सपनो की
इन्ही यादों में
फिर
सदा साथ होंगे हम
गीत ,गजल ,या छंद
नहीं ,बस
एक खूबसूरत सा
एःसास और
प्यार बन के
शब्दों के
माध्यम से
इन्ही वादियों में ...... शशि पुरवार
आज से तीन साल पहले मैंने मेरे जन्मदिन पर मेरे प्यारे ब्लॉग सपने को एक आकर दिया था और किताबों में बंद रचनाये कब यहाँ खेलने लगी और समय पंख लगा के उड़ने लगा पता ही नहीं चला .आज मेरे ब्लॉग सपने का ३ रा जन्मदिन है , जिसे आप सभी ने बहुत प्यार दिया ,आज मुझे अंतरजाल पर भी प्यारा सा परिवार मिला ,जिसका प्यार अनमोल है , और साथ यहाँ अमर रहेगा , एक खूबसूरत एअह्साह है जो हमें सदा महकता रहेगा ,हम हमारे शब्दों में सदा जीवंत रहेंगे .------- आज खुद को खुद से मिला रही हूँ .
मेरे पूरे परिवार और मित्रो को धन्यवाद कह के पराया नहीं करना चाहूंगी सभी का स्नेह मेरे लिए अनमोल है . :) ---- शशि पुरवार