कविता लिख लेते है .
हम फौलाद तो नहीं ,पर
ज़माने का दर्द भी सह लेते है .
हम सिर्फ खुशियो को ही नहीं ,
गम को भी गले लगा लेते है
ये जिंदगी है क्या , यह
हम जिंदगी से ही पूछ लेते है .
तो ,
तो ,
ये अम्बर है जहाँ तक .
वहाँ तक है राहे,
जीवन की आखिरी साँस तक ,
है , जीने की है चाहते .