कागज के यह
चंद टुकड़े (पन्ने ) ,
नजराना समझ कर
रख लेना .
इन पत्थरों की तुलना ,
हीरे से न करना .
कल हम रहें या ना रहें
बेगाना समझ कर ही ,
याद कर लेना .
ये जिंदगी है ,
जब तक बाकी
याद रह जाये ,
तो मिल लेना .
तोहफे में दिए ,
इन पन्नो को ही
प्यार की
भेंट समझना .
:- शशि पुरवार
कई बार हम तोहफे में सिर्फ कार्ड या कुछ लाइन हमारे प्रिये जनों को देते है , जो सबके लिए अनमोल नहीं होती हैं। आज लोग रूपये से ही तोहफे का वजन तोलते है . कागज के टुकड़े , का मतलब यहाँ पन्नो से है. यहाँ कागज को पत्थरों के सामान बेजान मन गया है जिसका कोई मोल नहीं होता , पर हीरे का होता है ....... ज्यादातर लोग तोहफे का मोल देखते है ,देने वाले का दिल और मन नहीं , हर किसी के लिए कार्ड या लेखनी का मोल नहीं होता ,जिसे वह कुछ समय बाद फ़ेंक देते है . आज कितने लोग कार्ड और पत्रों का मोल समझते है,इसी बात को अलग -अलग शब्दों में दर्शाने की कोशिश ......! डायरी के पन्नों से
pyar se diya hua kagaj ka panna aur us par likhi hui pyar se bhari line jyda kimti najrana hoti hai .
ReplyDeletekhubsurat rachna aur prstuti...
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