महंगाई की ,
मार तो देखो
और इन नेताओ की ,
चाल तो देखो .
इन्हें जीवन के कडवे ,
"सच का आइना " .
चाल तो देखो .
कान तो बंद है ,
खुली है आँखे
फिर भी नजर नहीं आ रहा , खुली है आँखे
इन्हें जीवन के कडवे ,
"सच का आइना " .
इसी तरह के झंझावत में ,
गुजर रही है,
कई जिन्दगानिया.
गुजर रही है,
कई जिन्दगानिया.
वस्त्र नहीं है,
तन ढकने को ,
तन ढकने को ,
छत नहीं है ,
सिर छुपाने को, और
अन्न नहीं है खाने को.
फिर भी किसी तरह ,
सड़क किनारे
फिर भी किसी तरह ,
सड़क किनारे
जी रही है ,
ये मासूम जवानिया .
महंगाई का दानव ,
छल रहा ,
ये मासूम जवानिया .
महंगाई का दानव ,
छल रहा ,
काला धन भर रहा,
कोई तो , इनका
संहार करो .
भ्रष्टाचार रुपी इस
रावन का ,
मिल कर
दहन करो .
:- शशि पुरवार
यदि हर इन्सान प्रण ले कि भ्रष्टाचार का दहन करना है , तो ये दानव स्वतः ही दम तोड़ देगा ......!
madam ji.....Badhiya likha hai aapne......hope log isase sahmat honge aur Bhrastachar k Raavan ko Jaroor dahan karenge......May not be on Vijayadashmi but definately one day they(people) will do this.
ReplyDeleteShashiji Aap ne sach ka aina dikha diya hai aur bahot khubi se use dikhaya hai. Lekin in netao ki chamdi itni moti hai ki unhe aina to kya khud ka chehra tak malum nahi. Aise ravano ko ekjut ho kar hi jalaya ja sakta hai. Bas abhi to ek yahi kam baki rah gaya hai aisi soch leke nikalna hi jaruri hai.
ReplyDeleteशशि जी सप्रेम अभिवादन ...
ReplyDeleteसुन्दर ब्लॉग
सुन्दर विचार
हार्दिक बधाई ...
मेरे ब्लॉग कोसीर ...ग्रामीण मित्र में आपका स्वागत है ..
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