१
बहता पानी
विचारो की रवानी
हसीं ये जिंदगानी
सांझ बेला में
परिवार का साथ
संस्कारों की जीत .
२
बरसा पानी
सुख का आगमन
घर संसार तले
तप्त ममता
बजती शहनाई
बेटी हुई पराई .
३
हाथों में खेनी
तिरते है विचार
बेजोड़ शिल्पकारी
गड़े आकार
आँखों में भर पानी
शिला पे चित्रकारी .
४
जग कहता
है पत्थर के पिता
समेटे परिवार
कुटुंब खास
दिल में भरा पानी
पिता की है कहानी .
--------- शशि पुरवार
१३ ,७ .१ ३