खिली चांदनी
झूमें लताओं पर
मुस्काती चंपा .
तरु पे खेले
मनमोहिनी चंपा
धौल कँवल .
मन प्रांगन
यादों की चित्रकारी
महकी चंपा .
दुग्ध है पान
हलद का श्रृंगार
चंपा ने किया
चंपा मोहिनी
झलकता सौन्दर्य
शशि सा खिले .-
-- शशि पुरवार
शशि पुरवार Shashipurwar@gmail.com समीक्षा है न - मुकेश कुमार सिन्हा है ना “ मुकेश कुमार सिन्हा का काव्य संग्रह जिसमें प्रेम के विविध रं...
आपने लिखा....
ReplyDeleteहमने पढ़ा....
और लोग भी पढ़ें;
इसलिए शनिवार 06/07/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
पर लिंक की जाएगी.
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
लिंक में आपका स्वागत है .
धन्यवाद!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज बृहस्पतिवार (04-07-2013) को सोचने की फुर्सत किसे है ? ( चर्चा - 1296 ) में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
वाह शशि जी सुंदर चित्रा से सजा ....बहुत सुंदर भावपूर्ण हाइकु ....!!
ReplyDeleteशुभकामनायें ....
बढ़िया है-
ReplyDeleteशुभकामनायें-
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति, शुभकामनाये
ReplyDeleteयहाँ भी पधारे
http://shoryamalik.blogspot.in/2013/07/blog-post_3.html
वाह ... बहुत सुंदर
ReplyDeleteचम्पा के फूल
मन भावन लगें
खिला है चाँद
shukriya sangeeta ji sundar praikriya ke liye
Deleteबहुत सुन्दर ..कितना कुछ कह दिया ... शब्दों में.
ReplyDeleteचंपा का शाब्दिक सौन्दर्य
ReplyDeleteसुंदर भावपूर्ण हाइकु ....!
ReplyDeletehttp://rajkumarchuhan.blogspot.in/
माई बिग गाइड पर सज गयी 100 वीं पोस्ट, बिना आपके सहयोग के सम्भव नहीं थी, मै आपके सहयोग, आपके समर्थन, आपके साइट आगमन, आपके द्वारा की गयी उत्साह वर्धक टिप्पणीयों, तथा मेरी साधारण पोस्टों व टिप्पणियों को अपने असाधारण ब्लाग पर स्थान देने के लिये आपका हार्दिक अभिनन्दन करता हॅू और आशा करता हॅू कि आपका सहयोग इसी प्रकार मुझे मिलता रहेगा, एक बार फिर ब्लाग पर आपके पुन आगमन की प्रतीक्षा में - माइ बिग गाइड और मैं
ReplyDeleteमन प्रांगन
ReplyDeleteयादों की चित्रकारी
महकी चंपा ------
चंपा का बहुत सुंदर वर्णन
गजब की अनुभूति
बधाई .
जीवन बचा हुआ है अभी---------
वाह ..
ReplyDeleteमन चम्पई हुआ...
सस्नेह
अनु
बहुत ही सुन्दर हाइकु
ReplyDelete:-)
तरु पे खेले
ReplyDeleteमनमोहिनी चंपा
धौल कँवल .
bahut hi sundar haiku