Monday, April 1, 2013
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समीक्षा -- है न -
शशि पुरवार Shashipurwar@gmail.com समीक्षा है न - मुकेश कुमार सिन्हा है ना “ मुकेश कुमार सिन्हा का काव्य संग्रह जिसमें प्रेम के विविध रं...
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बहुत सुंदर
ReplyDeleteअच्छी रचना
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार2/4/13 को चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां स्वागत है
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर, थिरकते शब्द, नाचते भाव।
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर हाइकू,बेहतरीन शब्द चयन.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भाव, बेहद अनुभवी अभिव्यक्ति !!!
ReplyDeletebahut khubsurat...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हाईकू !
ReplyDeleteबहुत उम्दा दीदी
ReplyDeleteबहुत उम्दा सुंदर हाइकू,,,
ReplyDeleteRecent post : होली की हुडदंग कमेंट्स के संग
बहुत खूब
ReplyDeletebahut sunder bhavon se saje haiku
ReplyDeleterachana
बेहतरीन थिरकन
ReplyDeletewah wah kya baat hai purwar ji sabhi ak se badh kr ak .....badhai sweekaren .
ReplyDeleteखाली घरोंदा
ReplyDeleteचुपके से आई है
यादें तुम्हारी ..
वाह ... बहुत भावमय ... लाजवाब हैं सभी हाइकू ...
छुए किनारा
ReplyDeleteभावुक है लहरें
आँखों का पानी
सुन्दर...सारहनीय हाइकु...!
हार्दिक बधाई,शशि जी...! आपको पढ़कर मुझे मेरा एक हाइकु याद आ गया-
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आँखों की नदी
टूट गये तटबंध
दर्द की बाढ़
(-जेजे)
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