Friday, July 26, 2013
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समीक्षा -- है न -
शशि पुरवार Shashipurwar@gmail.com समीक्षा है न - मुकेश कुमार सिन्हा है ना “ मुकेश कुमार सिन्हा का काव्य संग्रह जिसमें प्रेम के विविध रं...
https://sapne-shashi.blogspot.com/
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http://sapne-shashi.blogspot.com
आपने लिखा....हमने पढ़ा....
ReplyDeleteऔर लोग भी पढ़ें; ...इसलिए शनिवार 27/07/2013 को
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
पर लिंक की जाएगी.... आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
लिंक में आपका स्वागत है ..........धन्यवाद!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज शुक्रवार (26-07-2013) को खुलती रविकर पोल, पोल चौदह में होना: चर्चा मंच 1318 पर "मयंक का कोना" में भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आस और विश्वास जगाती पंक्तियाँ..
ReplyDeletepadhne waalaa prafullit huaa
ReplyDeleteबहुत ही गहन और सार्थक हाइकू.
ReplyDeleteरामराम.
पांचवें हाइकू में 5 8 4 अक्षर हो गये हैं, देखियेगा.
ReplyDeleteरामराम.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDeleteवाह बहुत खूब
ReplyDeletebhaut khub...
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