1
सपने पाखी
इन्द्रधनुषी रंग
होरी के संग
2
रंग अबीर
फिजा में लहराते
प्रेम के रंग
3
सपने हँसे
उड़ चले गगन
बासंती रंग
4
दहके टेसू
बौराई अमराई
फागुन डोले
5
अनुरक्त मन
गीत फागुनी गाये
रंगों की धुन .
23.03.13
शशि पुरवार
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सदोका ----
1हवा उडाती
अमराई की जुल्फे
टेसू हुए आवारा
हिय का पंछी
उड़ने को बेताब
रंगों का समां प्यारा .
2
डोले मनवा
ये पागल जियरा
गीत गाये बसंती
हर डाली पे
खिल गए पलाश
भीगी ऋतू सुगंधी .
3
झूमे बगिया
दहके है पलाश
भौरों को ललचाये
कोयल कूके
कुंज गलियन में
पाहुन क्यूँ न आये .
4
झूम रहे है
हर गुलशन में
नए नवेले फूल
हँस रही है
डोलती पुरवाई
रंगों की उड़े धूल .
5
लचकी डाल
यह कैसा कमाल
मधुऋतू है आई
सुर्ख पलाश
मदमाए फागुन
कैरी खूब मुस्काई .
6
जोश औ जश्न
मन में है उमंग
गीत होरी के गाओ
भूलो मलाल
उमंगो का त्यौहार
झूमो जश्न मनाओ .
24.03.13
शशि पुरवार