Wednesday, July 3, 2013

मुस्काती चंपा ....







खिली चांदनी
झूमें लताओं पर
मुस्काती चंपा .                          

तरु पे खेले
मनमोहिनी चंपा
धौल कँवल .

मन प्रांगन
यादों की चित्रकारी                                              

महकी चंपा .



दुग्ध है पान
हलद का श्रृंगार
चंपा ने किया

चंपा मोहिनी
झलकता सौन्दर्य
शशि सा खिले .
-


-- शशि पुरवार

15 comments:

  1. आपने लिखा....
    हमने पढ़ा....
    और लोग भी पढ़ें;
    इसलिए शनिवार 06/07/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
    पर लिंक की जाएगी.
    आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
    लिंक में आपका स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज बृहस्पतिवार (04-07-2013) को सोचने की फुर्सत किसे है ? ( चर्चा - 1296 ) में "मयंक का कोना" पर भी है!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. वाह शशि जी सुंदर चित्रा से सजा ....बहुत सुंदर भावपूर्ण हाइकु ....!!
    शुभकामनायें ....

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  4. बढ़िया है-
    शुभकामनायें-

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  5. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति, शुभकामनाये

    यहाँ भी पधारे
    http://shoryamalik.blogspot.in/2013/07/blog-post_3.html

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  6. वाह ... बहुत सुंदर

    चम्पा के फूल
    मन भावन लगें
    खिला है चाँद

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    Replies
    1. shukriya sangeeta ji sundar praikriya ke liye

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  7. बहुत सुन्दर ..कितना कुछ कह दिया ... शब्दों में.

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  8. चंपा का शाब्दिक सौन्दर्य

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  9. सुंदर भावपूर्ण हाइकु ....!

    http://rajkumarchuhan.blogspot.in/

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  10. माई बिग गाइड पर सज गयी 100 वीं पोस्‍ट, बिना आपके सहयोग के सम्‍भव नहीं थी, मै आपके सहयोग, आपके समर्थन, आपके साइट आगमन, आपके द्वारा की गयी उत्‍साह वर्धक टिप्‍पणीयों, तथा मेरी साधारण पोस्‍टों व टिप्‍पणियों को अपने असाधारण ब्‍लाग पर स्‍थान देने के लिये आपका हार्दिक अभिनन्‍दन करता हॅू और आशा करता हॅू कि आपका सहयोग इसी प्रकार मुझे मिलता रहेगा, एक बार फिर ब्‍लाग पर आपके पुन आगमन की प्रतीक्षा में - माइ बिग गाइड और मैं

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  11. मन प्रांगन
    यादों की चित्रकारी
    महकी चंपा ------

    चंपा का बहुत सुंदर वर्णन
    गजब की अनुभूति
    बधाई .


    जीवन बचा हुआ है अभी---------

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  12. वाह ..
    मन चम्पई हुआ...

    सस्नेह
    अनु

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  13. बहुत ही सुन्दर हाइकु
    :-)

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  14. तरु पे खेले
    मनमोहिनी चंपा
    धौल कँवल .
    bahut hi sundar haiku

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