हाइकु
१ आया है पर्व
राखी का त्यौहार
स्नेह उल्लास .
२ सजी दुकाने
कलावे रंगबिरंगे
रेशमी धागे .
३ आई है बहना
सजी पूजा की थाली
रेशमी डोरी .
४ पूजा की थाली
रोली चावल बाती
अन्न मिष्ठान .
५ ललाट टीका
सजा रोली चावल
नेह बरसे .
६ राखी की डोर
स्नेह का है प्रतिक
रक्षाकवच .
७ रक्षाबंधन
आत्मीयता स्नेह
मिश्री मिठास .
८ नाजुक डोरी
बंधी कलाई पर
है रक्षाक्षूत्र .
९ खास तोहफा
बरसते आशीष
जीवन भर .
१० भैया हमारा
सर्वदा सकुशल
यही है अर्ज .
--------शशि पुरवार
सदोका ---
१ स्नेह प्रतीक
बंधा है मणिबंध
रेशम के तागे से
रक्षाकवच
अटूट है बंधन
बहिन का भाई से .
२ सजे बाजार
शबल परिधान
मखमली राखियाँ
अन्न मिष्ठान
पूजा की थाली संग
है स्नेहिल मुस्कान .
३ सजी रंगोली
किया है अनुष्ठान
पूजा व्रत विधान
भाई के नाम
ईश्वर से कामना
सर्वथा संरक्षित .
४ भैया मोरे तू
रिश्ते की प्रतिष्ठा
अब तेरे ही हाथ
रक्षाकवच
सदा रहेगा साथ
स्नेहिल ये बंधन .
------- शशि पुरवार
१ आया है पर्व
राखी का त्यौहार
स्नेह उल्लास .
२ सजी दुकाने
कलावे रंगबिरंगे
रेशमी धागे .
३ आई है बहना
सजी पूजा की थाली
रेशमी डोरी .
४ पूजा की थाली
रोली चावल बाती
अन्न मिष्ठान .
५ ललाट टीका
सजा रोली चावल
नेह बरसे .
६ राखी की डोर
स्नेह का है प्रतिक
रक्षाकवच .
७ रक्षाबंधन
आत्मीयता स्नेह
मिश्री मिठास .
८ नाजुक डोरी
बंधी कलाई पर
है रक्षाक्षूत्र .
९ खास तोहफा
बरसते आशीष
जीवन भर .
१० भैया हमारा
सर्वदा सकुशल
यही है अर्ज .
--------शशि पुरवार
सदोका ---
१ स्नेह प्रतीक
बंधा है मणिबंध
रेशम के तागे से
रक्षाकवच
अटूट है बंधन
बहिन का भाई से .
२ सजे बाजार
शबल परिधान
मखमली राखियाँ
अन्न मिष्ठान
पूजा की थाली संग
है स्नेहिल मुस्कान .
३ सजी रंगोली
किया है अनुष्ठान
पूजा व्रत विधान
भाई के नाम
ईश्वर से कामना
सर्वथा संरक्षित .
४ भैया मोरे तू
रिश्ते की प्रतिष्ठा
अब तेरे ही हाथ
रक्षाकवच
सदा रहेगा साथ
स्नेहिल ये बंधन .
------- शशि पुरवार